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Coal Production in India: कोयला उत्पादन पर दिखा मानसून का असर, अगले दो तीन महीने होंगे बेहद अहम

Coal Production in India मानसून की वजह से देश में ना सिर्फ कोयला का उत्पादन कम हुआ है वरन ताप बिजली घरों के पास कोयले के स्टाक में भी कमी आई है। क्षेत्र के जानकार कहते हैं कि अगले दो तीन महीने बेहद अहम होंगे...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 06:49 PM (IST)
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Coal Production in India: मानसून की वजह से देश में ना सिर्फ कोयला का उत्पादन कम हुआ है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून की वजह से देश में ना सिर्फ कोयला का उत्पादन कम हुआ है बल्कि ताप बिजली घरों के पास कोयले के स्टाक में भी कमी आई है। जुलाई माह में देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने कुल 4.73 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया है जो पिछले साल जुलाई, 2021 के मुकाबले तो 11 प्रतिशत ज्यादा है लेकिन जून, 2022 में दर्ज 5.16 करोड़ टन उत्पादन से कम है।

कंपनी ने कहा है कि वह इस महीने ताप बिजली घरों की मांग के मुताबिक ही कोयला की आपूर्ति की है लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि जुलाई माह के अंत में इन बिजली संयंत्रों के पास 2.96 करोड़ टन कोयला उपलब्ध है। पर बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि अगले दो तीन महीने उत्पादन की क्या स्थिति रहती है।

अगर कोल इंडिया और बिजली संयंत्रों के पास के स्टाक को मिला कर देखा जाए तो कुल 7.71 करोड़ टन कोयला उपलब्ध है जबकि जून माह के अंत में यह स्टाक 7.4 करोड़ टन का था। इस तरह से कोयला उत्पादन में गिरावट आने के बावजूद कुल उपलब्धता बढ़ी है लेकिन अब अगले दो-तीन महीने कोयला उत्पादन की स्थिति कैसी रहती है, इस पर सभी का ध्यान रहेगा।

मानसून की वजह से पिछले वर्ष भी अगस्त-सितंबर में कोयला खदानों से निकासी काफी प्रभावित हुई थी। नतीजा यह रहा था कि अक्टूबर-नवंबर, 2021 में पूरे देश में कई हफ्तों तक भारी बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई थी।

सीआइएल ने कहा है कि अभी ताप बिजली घरों के पास ठीक ठाक कोयले का स्टाक है लेकिन अगर अगस्त, 2021 की तरह अगस्त, 2022 में भी अचानक मांग बढ़ जाती है तो स्थित बदल सकती है। तब एक महीने में ही कोयले का स्टाक 1.12 करोड़ टन कम हो गया था और इसका भारी असर बाद के महीने में देखने को मिला था।

कोयला मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, महानदी कोलफील्ड्स में मानसून की वजह से उत्पादन प्रभावित रहा है जिसका असर कोयला उत्पादन पर दिखाई दे रहा है। अगर मानसून लंबा खिंच जाता है तो आगे स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इस संभावना को देख कर ही केंद्र सरकार लगातार कोयला आयात करने पर जोर दे रही है। कोल इंडिया अभी 60 लाख टन कोयला आयात का आर्डर दे चुकी है और 1.2 करोड़ टन कोयला और आयात करने की प्रक्रिया जारी की हुई है।