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अब प्राइवेट कंपनियों को आवंटित की जाएंगी कोयले की ज्यादा खदानें, शुरू होगी 10वें दौर की निविदा प्रक्रिया

देश के ज्यादा से ज्यादा कोयला ब्लॉक शीघ्रता से निजी क्षेत्र की कंपनियों को दिए जाएंगे। फैसला किया गया कि वन व पर्यावरण मंत्रालय व दूसरे संबंधित मंत्रालयों के साथ मिल कर उन कोयला ब्लॉकों का भी आवंटन कराने की प्रक्रिया तेज होगी जो पर्यावरण संबंधी वजहों से नहीं हो पा रहे हैं। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

By Jagran News Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Thu, 20 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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प्राइवेट कंपनियों को कोयले की ज्यादा खदानें आवंटित की जाएंगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बढ़ती गर्मी की तपिश रोकने के लिए ज्यादा बिजली चाहिए और बिजली के लिए ज्यादा कोयला चाहिए। लिहाजा देश के ज्यादा से ज्यादा कोयला ब्लॉक शीघ्रता से निजी क्षेत्र की कंपनियों को दिए जाएंगे। गुरुवार (20 जून) को कोयला और खनन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कैप्टिव और कमर्शियल कोयला ब्लॉकों के आवंटन के मामले में एक बैठक हुई जिसमें फैसला किया गया कि इन ब्लॉकों को निजी कंपनियों को आवंटित करने की प्रक्रिया और तेज होगी।

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शुरू होगी 10वें दौर की निविदा प्रक्रिया 

यह भी फैसला किया गया कि वन व पर्यावरण मंत्रालय व दूसरे संबंधित मंत्रालयों के साथ मिल कर उन कोयला ब्लॉकों का भी आवंटन कराने की प्रक्रिया तेज होगी जो पर्यावरण संबंधी वजहों से नहीं हो पा रहे हैं। अभी तक निजी क्षेत्र को जो ब्लॉक आवंटित हुए हैं, उनके उत्पादन की भी कड़ाई से निगरानी की जाएगी। शुक्रवार (21 जून) से कोयला ब्लॉकों के वाणिज्यिक तौर पर नीलामी करने के लिए 10वें दौर की निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

वाणिज्यिक तौर पर आवंटित कोयला ब्लॉकों के इस्तेमाल की आजादी कंपनियों को होती है। इसका इस्तेमाल वह अपने घरेलू जरूरत के लिए भी कर सकती हैं या दूसरी कंपनियों को बिक्री भी कर सकती थी। अभी तक इस प्रक्रिया के तहत 161 कोयला ब्‍लॉक आवंटित किये गये हैं। इनमें से 58 से कोयला उत्पादन शुरु हो चुका है। वर्ष 2023-24 में इनसे 14.7 करोड़ टन कोयला उत्पादन हुआ है, जो देश के उत्पादन का 20 फीसद था।

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