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Farmers Income : किसानों की आय दोगुनी हुई या नहीं, यह पता लगाना मुश्किल क्यों, नीति आयोग ने बताई वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने 2016 में किसानों की आय (doubling farmers income) को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। पिछले कुछ वर्षों में किसानों की आमदनी बढ़ी है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आय दोगुनी हुई है या नहीं। अब नीति आयोग ने बताया है कि किसानों की असल आमदनी पता लगाने में क्या दिक्कत हो रही है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 12 Mar 2024 06:35 PM (IST)
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सरकार ने 2016 में किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा था।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों के दौरान किसानों की आमदनी (Farmers Income) में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सरकार के लक्ष्य के मुताबिक किसानों की आय दोगुनी हो गई है या फिर नहीं।

अब नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बताया है कि किसानों की असल आय जानने में कहां मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि हम दरअसल यह नहीं पता लगा पा रहे कि किसानों को दूसरे सोर्सेज से कितनी आमदनी हो रही है।

रमेश चंद का दावा है कि किसान गैर-कृषि स्रोतों से अधिक कमाई कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे में हमारे पास अधिक डेटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए हम स्पष्ट तौर पर यह नहीं बता पा रहे कि उनकी आय दोगुनी हुई है या नहीं।

सरकार के पास 2018-19 के बाद से इस बात का डेटा नहीं है कि किसानों को अन्य स्रोतों से कितनी कमाई हो रही है। रमेश चंद ने कहा कि जब आप किसानों की आय की गणना करनी है, तो उनकी कमाई के हर पहलू की जानकारी होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने 2016 में किसानों की आय (doubling farmers' income) को 2022 तक दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था।

इसके लिए जरूरी रणनीतियों की सिफारिश करने के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी भी बनी थी। कमेटी ने सितंबर 2018 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। सरकार ने पैनल की सिफारिशों को स्वीकार किया और प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए एक 'अधिकार प्राप्त निकाय' (Empowered Body) की स्थापना की है।

रमेश चंद का कहना है कि सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य इसलिए रखा था, ताकि हम अपनी कोशिशों को तेज कर सकें। अब इसका मूल्यांकन करने की जरूरत है कि हमने टारगेट को हासिल किया या नहीं। लेकिन, दुर्भाग्य से हमारे पास जरूरी डेटा नहीं हैं।

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