असली जीत कभी बदले की नहीं होती, जीत हमेशा सपने की होती हैः यश दयाल
बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैच की सीरीज के लिए चुने गए यश ने आईपीएल के बाद दलीप ट्राफी में शानदार प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा था। अब उसका प्रतिफल भी उन्हें मिल गया है। यश कहते हैं कि वह पूरी ईमानदारी से खुद को और अपनी मेहनत का आकलन करते हैं। यश दयाल ने कहा कि असली जीत बदले की नहीं जीत सपने की होती है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दुनिया दो चीज याद रखती है। या तो आपकी सफलता या असफलता। यह आपकी काबिलियत और जुनून पर निर्भर करता है कि आप इतिहास को कैसे लिखते हुए देखना चाहते हैं। मेरे लिए वह पांच गेंद मेरी असफलता नहीं थी, वह सिर्फ एक मैच था। मैं भविष्य को देख रहा हूं, ताकि दुनिया मुझे उस रूप में याद करें कि असली जीत कभी बदले की नहीं होती जीत हमेशा सपने की होती है। यह बातें भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किए गए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल ने कहीं।
बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैच की सीरीज के लिए चुने गए यश ने आईपीएल के बाद दलीप ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा था। अब उसका प्रतिफल भी उन्हें मिल गया है। यश कहते हैं कि वह पूरी ईमानदारी से खुद को और अपनी मेहनत का आकलन करते हैं। अगर कहीं भी कमी नजर आती है तो उसे दूर करने के लिए दिन और रात नहीं देखते।
'आज सच हुआ सपना'
उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में जगह मिलने पर वह बहुत ही उत्साहित है। आज का दिन गौरवान्वित करने वाला है। ना सिर्फ मेरा सपना सच हुआ है। बल्कि मेरे लिए सपना देखने वाले मेरे पिता, कोच मेरे वह सब जो मुझसे जुड़े हैं, उन सबके लिए आज एक बड़ा दिन है। मैं सबका आभार जाता हूं।
घर में जशन का माहौल
दूसरी ओर यश दयाल के चयन की खबर जब संगम नगरी पहुंची तो यहां उनके चकिया करबला स्थित घर में जश्न शुरू हो गया। जिद, जुनून और जज्बे की एक कहानी बनकर उभरे यश के घर बधाई देने वालों का तांता लगा है। यश के पिता और पूर्व क्रिकेटर चंद्रपाल दयाल ने कहा कि वह स्वयं भारतीय टीम के लिए तो नहीं खेल सके लेकिन, अपने बेटो को जो राह दिखाई उस पर चलकर आज वह अपनी मंजिल तक पहुंच गया।
खुशी से चीखती रही बहन
यश दयाल के चयन की सूचना घर पहुंची तो सबसे पहले बहन राधा दयाल खुशी से चीखने लगी। मां राधा दयाल और पिता यश दयाल की आंखों से बेटे के उपलब्धि पर आंसू छलक पड़े। भावुक मन, आंखों में आंसू और खुशियों का पल एक साथ आया तो पूरा-परिवार झूम उठे। पिता चंद्रपाल ने भावुक होते हुए कहा पांच गेंद से किसे के करियर फैसला नहीं होता, यह क्रिकेट है। क्रिकेट के पंडित जनते है, यश की उड़ान ऊंची है। घर पर कुछ देर में ही परिवार के अन्य लोग व नात-रिश्तेदार भी पहुंचने लगे तो माहौल खुशियों में बदल गया।
कोच बोले यश का दौर शुरू होगा
यश के बचपन के कोच कौशिक पाल ने कहा कि यश का भविष्य बहुत शानदार है। यश में क्षमता है एक बड़ा क्रिकेटर बनने की और अब उसका दौर शुरू होगा। मैं हमेशा उसे जब भी मिला या बात होती है उसे फिटनेस को और हाई करने के लिए कहता रहता हूं। जैसे-जैसे फिटनेस उसकी ऊंची होगी उसकी स्पीड 150 तक पहुंचेगी। क्योंकि उसकी बाडी एक तेज गेंदबाज के लिए ही बनी हुई है। बस वह अपनी बाडी का सही इस्तेमाल कर ले तो वह गेंदबाजी के शिखर पर पहुंचेगा। और अगर बल्लेबाजी का मौका यश को मिला तो जरूर वह उसमें भी अपना दमखम दिखा देगा। आज खुशी और गर्व कर मौका एक साथ आया है।