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NCR में हवा की गुणवत्ता हुई खराब, हाट स्पॉट पर प्रदूषण कम करने के लिए विशेष कार्ययोजना शुरू

मौसम बदलने के साथ एनसीआर में प्रदूषण धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इस वजह से शनिवार को भी प्रदूषण के स्तर में आंशिक बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। इसके अलावा गाजियाबाद ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। इस स्थिति में स्थानीय कारणों और वातावरण में धूल के कणों की भूमिका अधिक है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sun, 08 Oct 2023 05:57 AM (IST)
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प्रदूषण कम करने को हाट स्पाट के लिए विशेष कार्ययोजना - गोपाल राय

राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली। मौसम बदलने के साथ एनसीआर में प्रदूषण धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इस वजह से शनिवार को भी प्रदूषण के स्तर में आंशिक बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। इसके अलावा गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। इस स्थिति में स्थानीय कारणों और वातावरण में धूल के कणों की भूमिका अधिक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार अगले छह दिनों तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी। सीपीसीबी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का एक्यूआइ 216 रहा, जोकि ‘खराब’ श्रेणी में है। एक दिन पहले दिल्ली का एक्यूआइ 212 था यानी चार अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 14 जगहों पर हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही। चार जगहों पर एक्यूआइ 300 के पार शादीपुर, वजीराबाद, बवाना और मुंडका में एक्यूआई 300 से अधिक रहा। इन सभी इलाकों का एक्यूआइ क्रमश: 318, 305, 309 और 347 रहा। इस वजह से इन इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही।

लगातार दूसरे दिन ‘खराब’ श्रेणी में दिल्ली की हवा

 दिल्ली में वायु प्रदूषण के 13 हाट स्पाट हैं तो औद्योगिक कचरे के 164 चिह्नित किए गए हैं। इन जगहों पर अवैध रूप से औद्योगिक कचरा डंप किया जाता है। उसमें आग भी लगा दी जाती है। इसकी वजह से प्रदूषण बढ़ता है। सर्दियों के दौरान औद्योगिक कचरा जलाने की इन घटनाओं को कम करने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने ऐसी सभी जगहों की पहचान कर निगरानी बढ़ा दी है।

आग लगाने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। औद्योगिक कचरे में आग की इन घटनाओं को रोकने के लिए डीपीसीसी की टीमें दिन और रात एमसीडी के सहयोग से गश्त कर रही हैं। इसमें दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) भी सहयोग दे रहा है। डीपीसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले वर्ष गश्त के जरिये निगरानी के दौरान जिन जगहों पर कचरा डालने और आग लगाने की घटनाएं अधिक हुई थीं, उनकी पहचान की गई है।

औद्योगिक कचरा फेंककर लगाई आग तो होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय शनिवार को राजधानी में चिह्नित किए गए प्रदूषण के 13 हाटस्पाट में से एक वजीरपुर का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के साथ-साथ सड़क पर सुबह-शाम पानी का लगातार छिड़काव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजधानी में प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है।

एंटी डस्ट अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 13 विभागों की 591 टीमें तैनात की गई हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार सुबह वजीरपुर हाट स्पाट का औचक निरीक्षण किया और एंटी डस्ट अभियान का भी जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान एमसीडी, डीपीसीसी, जल बोर्ड, डीएसआइआइडीसी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौजूद रहे।

अधिकारियों ने बताया कि यहां बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण अवैध पार्किंग, यातायात जाम की समस्या, सड़क के पास निर्माण का कार्य आदि हैं। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण में और सुधार लाने के लिए विंटर एक्शन प्लान के तहत सरकार ने आज से अगले एक महीने के लिए दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान शुरू कर दिया है। पहले फेज में सात नवंबर तक एंटी डस्ट अभियान चलाया जाएगा।

इस अभियान में 13 विभागों जैसे- डीडीए, एमसीडी, डीपीसीसी, जल बोर्ड, डीएसआइआइडीसी, पीडब्ल्यूडी, राजस्व, सीपीडब्लूडी, एनडीएमसी की 591 टीमें तैनात की गई हैं। गोपाल राय ने बताया कि इस बार प्रदूषण को कम करने के लिए हाटस्पाट पर विशेष निगरानी की जा रही है और 13 हाटस्पाट के लिए अलग-अलग लोकल स्तर पर कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। ग्रीन वार रूम से इसकी लगातार मानीटरिंग की जा रही है।