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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब फेस रिकग्निशन तकनीक से लगेगी छात्रों की हाजिरी, निदेशालय ने बताया- क्यों है जरूरी

राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब विद्यार्थियों की हाजिरी फेस रिकग्निशन तकनीक के जरिए लगेगी। शिक्षा निदेशालय ने भी इस संबंध में स्कूलों में तैयारी शुरू कर दी है। इस तकनीक की पहले ऑनलाइन जांच की जाएगी। फिर इसका चुनिंदा स्कूलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही निदेशालय से इसको हरी झंडी दी जाएगी।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 18 Aug 2024 06:24 PM (IST)
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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब फेस रिकग्निशन तकनीक से लगेगी छात्रों की हाजिरी।

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। राजधानी के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी में सुधार के लिए अब तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय इस संबंध में स्कूलों में फेस रिकग्निशन तकनीक को स्थापित करने की योजना बना रहा है।

निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक हाजिरी की सटीकता और दक्षता में सुधार के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा, ताकि छात्र उपस्थिति के स्वचालन को प्राथमिकता दी जा सके। इस तकनीक की पहले ऑनलाइन जांच की जाएगी।

शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि नई प्रणाली मैनुअल त्रुटियों को कम करेगी और छात्र उपस्थिति की वास्तविक समय की ट्रैकिंग सुनिश्चित करेगी।

पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसका परीक्षण होगा

उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों में इस प्रणाली को लागू करने से पहले, इसकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने और किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए कुछ चुनिंदा स्कूलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसका परीक्षण किया जाएगा। इस तकनीक के कार्यान्वयन के लिए स्कूल को आवश्यक बुनियादी ढांचा, कंप्यूटर, कैमरा और साफ्टवेयर उपलब्ध कराए जाएंगे।

वर्तमान छात्र उपस्थिति दर 65 से 70 प्रतिशत

उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा विभाग की वर्तमान छात्र उपस्थिति दर 65 से 70 प्रतिशत है, जिसमें महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निदेशालय का जोर अब इस प्रतिशत को बढ़ाने पर है। इसके लिए स्कूलों की ओर से माता-पिता को उनके बच्चों की उपस्थिति पर मासिक अपडेट किया जाएगा ताकि उन्हें उनके बच्चे की हाजिरी के बारे में सूचना मिलती रहे।

साप्ताहिक परीक्षा शुरू करने की योजना

उन्होंने कहा कि छात्रों की हाजिरी बढ़ाने के लिए स्कूलों में मासिक या साप्ताहिक परीक्षा शुरू करने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अधिक सहज महसूस कराने और नियमित रूप से उपस्थित होने के लिए प्रेरित करने के लिए समग्र स्कूल के माहौल में सुधार करना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में हाजिरी का प्रतिशत अधिक है वहां पर स्कूल स्तर पर जो प्रथाएं अपनाई जा रही है उन्हें अन्य स्कूलों में लागू किया जा सकता है।

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