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Delhi AIIMS: एम्स में कॉन्ट्रैक्ट पर भी डॉक्टर्स की नियुक्ति में देरी, मरीजों का इलाज और मेडिकल शिक्षा हो रही प्रभावित

दिल्ली एम्स में डॉक्टरों की भारी कमी के बावजूद स्थायी तौर पर सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति ढाई साल से बंद है। संविदा पर भी नियुक्ति में देरी हो रही है। 55 दिन बाद भी 125 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अब 42 सहायक प्रोफेसरों की संविदा पर नियुक्ति के लिए नई प्रक्रिया शुरू की गई है। जानिए पूरी खबर।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 23 Sep 2024 12:04 AM (IST)
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एम्स में कॉन्ट्रैक्ट पर भी डॉक्टर्स की नियुक्ति में देरी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। डॉक्टर्स की भारी कमी से जूझ रहे एम्स में करीब ढाई वर्ष से स्थायी तौर पर सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति तो बंद है ही, संविदा पर भी सहायक प्रोफेसर स्तर डॉक्टर्स की नियुक्ति जल्दी नहीं हो पा रही है। स्थिति यह कि संविदा पर नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी होने के 55 दिन बाद भी एम्स प्रशासन 125 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं कर पाया। इस बीच अब संविदा पर ही 42 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए नई प्रक्रिया शुरू की है।

एम्स में फैकल्टी स्तर के डॉक्टर्स 1232 स्वीकृत पद हैं। मौजूदा समय में एम्स में फैकल्टी स्तर के 816 डॉक्टर हैं। अभी फैकल्टी स्तर के 416 डॉक्टर्स पद खाली पड़े हैं। इसका कारण यह है कि वर्ष 2021-22 के बाद एम्स में स्थायी तौर पर सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हुई है।

मरीज और मेडिकल शिक्षा का काम हो रहा प्रभावित

डॉक्टर्स की कमी के कारण एम्स में मरीजों का इलाज और मेडिकल शिक्षा का काम प्रभावित हो रहा है। इस वजह से डॉक्टर्स की जल्द नियुक्ति की जरूरत महसूस की जा रही है। यही वजह है कि एम्स प्रशासन ने 29 जुलाई को 117 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था।

125 सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति रुकी

बाद में मेडिसिन, पल्मोनरी मेडिसिन व न्यूरो एनेस्थीसिया के आठ अतिरिक्त सहायक प्रोफेसरों के पद को भी इसमें शामिल कर कुल 125 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए डॉक्टर्स से आवेदन मांगे गए। 15 अगस्त तक आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी। तब एम्स की तरफ से कहा गया है कि स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया में समय लगता है।

डॉक्टर्स की तत्काल जरूरत है। इसलिए संविदा पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि नियुक्ति जल्दी हो सके। तब एम्स प्रशासन की तरफ से यह भी कहा गया था कि जल्दी ही स्थायी सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ।

दोबारा भी अस्थायी तौर पर संविधा के आधार पर ही सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति की पहल की गई है। इन नियुक्तियों के बाद भी एम्स में डॉक्टर्स कमी बनी रहेगी। इस मामले पर पूछे जाने पर एम्स के मीडिया डिविजन से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।