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Delhi: पुराने किले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को बड़ी सफलता, खुदाई के दौरान मिला 1200 साल पुराना निर्माण

पांडव की राजधानी इंद्रप्रस्थ को ढूंढने के लिए पुराना किला में कुंती मंदिर के पास हो रही खुदाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खुदाई के पहले चरण में एएसआई को पुराना निर्माण मिला है।

By V K ShuklaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Mon, 13 Mar 2023 11:37 PM (IST)
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पुराना किला में हो रही खुदाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पांडव की राजधानी इंद्रप्रस्थ को ढूंढने के लिए पुराना किला में कुंती मंदिर के पास हो रही खुदाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खुदाई के पहले चरण में एएसआई को पुराना निर्माण मिला है। निर्माण के साथ ही एक स्थान पर बड़ी संख्या में मृदभांड (मिट्टी के बर्तन) मिले हैं।

कंकाल का हिस्सा भी मिला

खुदाई के दाैरान एक भाग में कंकाल का हिस्सा मिला है जो आगे बगैर खुदाई वाले क्षेत्र में जा रहा है।हालांकि इस बारे में अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह मानव या पशु किसका है। पुरातात्विक आंकलन में यह निर्माण और मृदभांड 1200 से 1300 साल पुराने माने गए हैं।

खुदाई करा रहे एएसआई के निदेशक डा वसंत स्वर्णकार का कहना है कि इस निर्माण की बनावट से वे लाेग इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह आम जनता के मकान रहे होंगे। बड़ी संख्या में मिले मृदभांड से भी इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है कि यह आबादी वाला क्षेत्र था और यह निर्माण मृदभांड गुलाम वंश से पहले के हैं जिसे राजपूत काल भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राजपूत काल का दायरा बहुत लंबा रहा है, जिसमें 700 ईसवी से लेकर 1200 ईसवी तक रहा है।मगर जाे निर्माण मिले हैं वे एक हजार या 1100 ईसवी के हैं। दरअसल, यह वह समय था जब नदियों के किनारे आबादी वाले क्षेत्र हुआ करते थे।माना जा रहा है कि यहां उस समय की जनता रहती हाेगी।

बता दें कि पुराना किला में इस बार कुंती देवी मंदिर के पास भी खुदाई कर इंद्रप्रस्थ की राजधानी इंद्रप्रस्थ के प्रमाण ढूंढे जा रहे हैं। इसके लिए इस स्थान पर चार ट्रैंच (गड्ढे) खाेदे गए हैं। खुदाई का कार्य आगे बढ़ रहा है, मगर इसी बीच एक ट्रैंच में निर्माण और आबादी हाेने के प्रमाण मिले हैं, जिस पर एएसआई ने इस ट्रैंच पर फाेकस बढ़ा दिया है।

इसके एक भाग में कंकाल का कुछ हिस्सा मिलने से एएसआई इस भाग में खुदाई का दायरा बढ़ाने जा रहा है। वहीं 13-14 और 17-18 में हुई खुदाई वाले किला के पिछले हिस्से में भी अगले 15 दिनों में खुदाई शुरू हो जाएगी, यहां पर अभी पुराने ट्रैंच को फिर से खोलने का काम चल रहा है। यहां पहले हो चुकी खुदाई का काम आगे बढ़ाया जाएगा। इससे पहले पुराना किला में 1955 और 1969 से 1972 तक भी खुदाई हो चुकी है।