Delhi Acid Attack: 'मैं बिल्कुल ठीक हूं', इस तरह माता-पिता का हौसला बढ़ा रही पीड़िता, कहा- आगे जाकर जज बनूंगी
Delhi Acid Attack News तेजाब हमला मामले में पीड़िता की हालत पहले से काफी बेहतर है। स्वजन ने बताया कि पीड़िता की आंखों व मुंह पर सूजन अब नहीं है। वह बात कर पा रही है। तीन-चार दिनों के बाद पीड़िता को आइसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तेजाब हमला मामले में पीड़िता की हालत पहले से काफी बेहतर है। स्वजन ने बताया कि पीड़िता की आंखों व मुंह पर सूजन अब नहीं है। वह बात कर पा रही है। चिकित्सकों की माने तो तीन-चार दिनों के बाद पीड़िता को आइसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। उधर, पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद तीनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पीड़िता के चाचा ने बताया कि पीड़ित आगे चलकर न्यायाधीश (जज) बनना चाहती हैं, इसलिए वह बचपन से ही काफी हिम्मत वाली स्वभाव की रही हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी वह मानसिक रूप से मजबूत है और माता-पिता को हौसला दे रही है।
मैं बिल्कुल ठीक हूं- पीड़िता
पीड़िता का कहना है कि मैं अब बिल्कुल ठीक हूं और जो भी जख्म मेरे शरीर पर है वह भी जल्दी ठीक हो जाएंगे। पर आरोपितों ने इस घटना को अंजाम देकर अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लिया है। पीड़िता चाहती हैं कि तीनों आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा हो और वे जेल से कभी बाहर न आए। स्वजन ने बताया कि चिकित्सकों के मुताबिक पीड़िता की दोनों आंखों में तेजाब गया है, पर बाईं आंख में तेजाब का अधिक प्रभाव है। जिसके कारण पीड़िता को बाईं आंख से अभी धुंधला नजर आ रहा है।
आसपास के लोगों ने स्थिति को संभाला
चिकित्सकों ने कहा है कि भविष्य में पीड़िता को कितना प्रतिशत दिखाई देगा, यह दो-तीन दिन के बाद स्पष्ट होगा। पर दवाएं अपना असर दिखा रही हैं। असल में तेजाब हमले के तुरंत बाद वहां मौजूद लोगों ने पीड़िता पर पानी डालकर स्थिति को काफी हद तक संभाल लिया। पानी से तेजाब आंखों व त्वचा को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा पाया। पर बाईं तरफ मुंह, गर्दन व हाथ के साथ शरीर के कई हिस्से पर तेजाब के छींटे लगने के कारण नुकसान हुआ है।
ये भी पढ़ें- Delhi Acid Attack: पीड़ित छात्रा की आखों को हुआ काफी नुकसान, नेत्र विशेषज्ञ लगातार कर रहे मॉनिटरिंग
अच्छे खा-पी रही पीड़िता
इसके अलावा बाईं तरफ के कुछ बाल भी जले हैं। अच्छी बात यह है कि पीड़िता अब ठीक से खा-पी रही है। पर संक्रमण के डर से माता-पिता के अलावा परिवार के किसी भी सदस्य को उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है। यहां तक की पुलिस को भी चिकित्सकों के नेतृत्व में पीड़िता से मिलने की अनुमति मिली थी।
इसके अलावा शुक्रवार को पीड़िता की छोटी बहन ने उससे मुलाकात की। पीड़िता के स्वजन की मांग है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो, क्योंकि दोनों बहनें छोटी हैं, बार-बार कोर्ट के चक्कर लगाने से वे मानसिक रूप से प्रभावित होंगी।
ये भी पढ़ें- Delhi: पिता बोले- 'गाल की हड्डी टूटने से बेटी बोल और खा नहीं पा रही', टीचर ने पहली मंजिल से फेंका था छात्रा को