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नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी युवक के खिलाफ FIR होगी रद, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश

Delhi High Court दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में 19 साल के आरोपी युवक के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी है। अदालत ने पाया कि दोनों के बीच सहमति से यौन संबंध बने थे और उन्हें एक बच्चा भी हुआ था। नाबालिग की मां ने भी प्राथमिकी रद्द करने पर सहमति जताई है।

By Vineet Tripathi Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 23 Sep 2024 06:13 PM (IST)
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नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी युवक के खिलाफ FIR होगी रद।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 17 वर्षीय नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में 19 वर्षीय आरोपी युवक के विरुद्ध हुई प्राथमिकी को दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए रद करने का आदेश दिया है। अदालत ने नोट किया कि दोनों के बीच सहमति से यौन संबंध बनाए गए थे और इससे उन्हें एक बच्चा हुआ था।

न्यायूमर्ति अनीश दयाल की पीठ ने यह भी नोट किया कि प्राथमिकी रद करने से नाबालिग की मां को आपत्ति नहीं है। अदालत ने कहा कि नाबालिग लड़की अपने बच्चे के साथ अपने माता-पिता के साथ रह रही है और अगर प्राथमिकी रद नहीं की गई तो इससे बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

अदालत ने कहा कि प्राथमिकी जारी रखने से तीन व्यक्तियों, दंपती व नवजात का जीवन नष्ट हो जाएगा।

लड़की ने क्या कहा

आरोपी युवक के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता व नाबालिग ने दावा किया कि वे पारिवारिक मित्र थे और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है।

सहमति से बनाए संबंध

यह भी कहा कि उन्होंने सहमति से यौन संबंध बनाए और इससे लड़की गर्भवती हो गई। जब वह अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में अस्पताल गई तो अस्पताल ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद प्राथमिकी हुई और याचिकाकर्ता युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।

लड़की की मां ने क्या कहा

नाबालिग की मां ने एक हलफनामा दायर कर कहा कि उसे प्राथमिकी रद होने से कोई आपत्ति नहीं है और यह समझौता दोनों पक्षों के बीच हुआ था।

वहीं, दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि क्योंकि पीड़िता नाबालिग थी और वह कानूनी रूप से सहमति देने में सक्षम नहीं थी और ऐसे मामलों में समझौते की अनुमति नहीं है।

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कोर्ट ने क्या कहा

पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद टिप्पणी की कि न्यायालय ने पीड़िता और उसके माता-पिता के साथ व्यापक बातचीत की और यह पता चला कि पीड़िता के माता-पिता इस रिश्ते के बारे में जानते थे। अदालत ने कहा कि जो गलती अपराध बनती, वह दो व्यक्तियों के अपरिपक्व कृत्य और अनियंत्रित भावनाओं के कारण हुई थी। ऐसे में प्राथमिकी रद की जाती है।