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Property Tax: अगर प्रॉपर्टी टैक्स जमा करना है तो भरना होगा फॉर्म, नहीं तो हो जाएगी मुश्किल; पैसा जाएगा पानी में

Delhi Property Tax दिल्ली नगर निगम (MCD) ने संपत्ति कर भुगतान के नियमों में बदलाव किया है। अब 1 अप्रैल 2025 से ऑनलाइन संपत्ति रिटर्न (PTR) फॉर्म भरे बिना संपत्ति कर भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा। बिना फॉर्म भरे ऑनलाइन राशि भेजने वाले संपत्ति धारकों पर कार्रवाई की जाएगी। केवल वही सपंत्तिकर जमा माना जाएगा जो फॉर्म भरने के बाद राशि जमा किया जाएगा।

By Nihal Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 21 Sep 2024 11:26 PM (IST)
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अगर प्रॉपर्टी टैक्स जमा करना है तो भरना होगा फॉर्म, नहीं तो हो जाएगी मुश्किल।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बिना फॉर्म भरे अनुमानित राशि को निगम के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करके अपनी जिम्मेदारी से पिछा छुड़ाने वाले लोग भी अब कार्रवाई के दायरे में आएंगे। निगम एक अप्रैल 2025 से ऑनलाइन संपत्ति रिटर्न (पीटीआर) ऑनलाइन या ऑफलाइन निगम के खातों में भेजी गई राशि को नहीं मानेगा।

केवल वही सपंत्तिकर जमा माना जाएगा जो फॉर्म भरने के बाद राशि जमा किया जाएगा। साथ ही पूर्व में ऑनलाइन बिना फॉर्म भरे संपत्तिकर जमा करने वालों को भी कार्रवाई के दायरे में लाएगा।

ऑनलाइन राशि भेजने का होगा नुकसान

एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी और निजी संपत्तियों जैसे स्कूल व कॉलेज बिना फॉर्म भरे निगम के खातों में ऑनलाइन राशि भेज देते हैं। ऐसी स्थिति क्योंकि उन लोगों ने फॉर्म नहीं भरा होता है तो निगम के रिकॉर्ड में यह संपत्तिकर माना नहीं जाता है।

निगम को खंगालने पड़ते हैं रिकॉर्ड

जब इन संपत्ति धारकों को नोटिस भेजे जाते हैं तो निगम को वह जवाब देते हैं कि उन्होंने उस तारीख को उस नाम से निगम के खाते में संपत्तिकर की अनुमानित राशि भेजी दी है। इससे निगम को अपना रिकॉर्ड खंगालना पड़ता है। साथ ही यह संपत्तिकर जमा करने की प्रक्रिया का भी उल्लंघन है।

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पीटीआर फॉर्म भरना होगा

ऐसे में हमने तय किया है कि अब उन्ही लोगों का संपत्तिकर अगामी वित्त वर्ष में माना जाएगा, जिन्होंने पीटीआर फॉर्म भरा होगा। उन्होंने कहा कि अनुमानित राशि जमा करने से एक तो निगम का रिकार्ड भी खराब होता है साथ ही संपत्ति धारक का भी डिजीटल रिकॉर्ड संपत्तिकर पोर्टल पर नहीं बन पाता है।