Delhi: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा कमाने का देता झांसा, 18 साल का शातिर का जालसाज गिरफ्तार
Delhi Crime News दिल्ली पुलिस ने बताया कि 18 साल का युवक क्रिप्टोकरेंसी में मोटा कमाने का झांसा देता था। लोग कमाई के झांसे में आ जाते थे। वह कई लोगों के साथ ठगी कर चुका था। उसने लाखों रुपये की ठगी की। वह एक गिरोह का जालसाज है। उसकी गिरफ्तार के बाद गैंग के और भी कई लोगों का पता कर रही है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कराने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल, बैंक की पासबुक और डेबिट कार्ड बरामद किया है।
पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि शातिर की पहचान उत्तराखंड के काठ गोदाम निवासी 18 वर्षीय प्रियांशु रावत के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 30 जून को घिटोरनी निवासी ऋतिक सिंह ने पुलिस को शिकायत दी थी।
जालसाजों ने उनसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कराने के बहाने 15 लाख रुपये ठग लिये। इसके बाद शातिरों ने अपने मोबाइल नंबर बंद कर लिए। इसी मामले में पुलिस ने आरोपी प्रियांशु रावत को गिरफ्तार किया है।
बेटे की पढ़ाई के लिए इकट्ठा किए थे रुपये
पुलिस जांच में पता चला कि शिकायत करने वाला ऋतिक सिंह छात्र है। उसके पिता एक फैक्ट्री में चौकीदार हैं। ऋतिक सिंह की पढ़ाई के लिए उसके पिता ने मेहनत की कमाई को इकट्ठा किया था। ज्यादा कमाई के लालच में ऋतिक सिंह ने सारा पैसा ठगों को दे दिया।
कम समय में मोटा मुनाफा दिलाने का देते थे झांसा
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी टेलीग्राम ऐप के माध्यम से लोगों से संपर्क करते थे। फिर पीड़ितों को झांसा देते थे कि यदि वह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करेंगे तो कम समय में ही मोटा मुनाफा होगा। इस तरह पहले पीड़ित से कुछ रकम का निवेश कराकर उसे मुनाफा देते थे।
जब पीड़ित उनके झांसे में पूरी तरह फंस जाता था तो उससे मोटी रकम का निवेश करा लेते थे। ऋतिक सिंह से भी जालसाजों ने पहले कुछ हजार रुपये निवेश कराए। इसके बाद करीब एक लाख रुपये का निवेश कराया।
जब पीड़ित ने अपने पैसे निकालने का प्रयास किया तो आरोपितों ने कहा कि उन्हें ज्यादा पैसे का निवेश करना होगा। इससे ज्यादा मुनाफा मिलेगा। इस तरह आरोपितों ने उनसे 15 लाख रुपये ठग लिये थे।
ऐसे पकड़ में आया आरोपी प्रियांशु
पुलिस ने छानबीन के दौरान उन बैंक खातों का पता लगाया, जिनमें ठगी की रकम को ट्रांसफर किया गया था। इस दौरान पता चला कि जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए वह प्रियांशु रावत के नाम से है। आरोपी ने मोबाइल नंबर को भी बंद कर रखा था। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। प्रियांशु रावत केवल टेलीग्राम ऐप के माध्यम से ही लोगों से संपर्क करता था। वह ठगी के बाद ऐप पर की गई चैट को डिलीट कर देता था।
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माता-पिता ने पैसे देने बंद किए तो करने लगा ठगी
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी ने 12वीं की पढ़ाई छोड़ दी थी। वह जेईई कोचिंग के बहाने अपने माता-पिता से पैसे ले रहा था। जब माता-पिता ने उसे पैसे देने बंद कर दिए तो उसने ठगी शुरू कर दी। पुलिस उसके अन्य साथियों का भी पता लगा रही है। इसको लेकर आरोपी से भी पूछताछ की जा रही है।