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भाजपा वाले कैसे अलग कर पाएंगे, हम राम और लक्ष्मण की जोड़ी: सिसोदिया

Manish Sisodia News अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने जंतर मंतर पर जनता की अदालत लगाई। केजरीवाल ने कहा कि हमने 10 साल में ऐसे काम कर दिए कि दूसरे सोच भी नहीं सकते थे। सिसोदिया ने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं ना झुकेंगे और ना टूटेंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आज जंतर मंतर पर एकजुट हुए।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 22 Sep 2024 04:37 PM (IST)
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अरविंद केजरीवाल राम हैं और मैं लक्ष्मण, भाजपा वाले हमें कैसे अलग कर पाएंगे: सिसोदिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आज जंतर मंतर पर एकजुट हुए। यहां अरविंद केजरीवाल ने 'जनता की अदालत' लगाई। केजरीवाल ने कहा कि हमने 10 साल में ऐसे काम कर दिए कि दूसरे सोच भी नहीं सकते थे। मोदी जी को लगा कि ये समस्या खड़ी कर सकता है तो हमें भ्रष्टाचारी साबित करने के लिए हमारी ईमानदारी पर चोट की गई, हम सब को जेल में डाल दिया।

इनसे पहले आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं, ना झुकेंगे और ना टूटेंगे। हमारे नेताओं को जेल में दिल्ली की जनता के काम रोकने के लिए डाला गया। हमारी सरकार और पार्टी को तोड़ने के लिए जेल में डाला गया, लेकिन मैं बड़े गर्व से कह रहा हूं कि ना ही हमारी पार्टी टूटी और ना ही सरकार गिरी।

सिसोदिया ने कहा कि मुझे आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए तमाम धमकियां और लालच दिए गए। लेकिन मैं टूटा और घबराया नहीं। हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं और उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। भाजपा वाले जब मेरे मेरे पास आते थे तो मैं यही जवाब देता था कि तुम लक्ष्मण को राम से अलग करने की कोशिश कर रहे हो, दुनिया के किसी रावण में इतनी ताकत नहीं है जो लक्ष्मण को राम से अलग कर सके।

मैंने भी अरविंद केजरीवाल के साथ कदम से कदम मिलाकर दिल्ली की जनता के लिए काम किया है। मैंने बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल-कॉलेज बनवाए। इसलिए मैंने भी कहा कि मैं भी उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब जनता हमारी ईमानदारी पर मुहर लगा देगी। 

जब तक अरविंद केजरीवाल तानाशाही के रावण के खिलाफ ये लड़ाई लड़ते रहेंगे, तब तक मैं लक्ष्मण बनकर इनके साथ खड़ा रहूंगा। दुनिया का कोई भी रावण, मुझे अंदर और बाहर से तोड़ नहीं सकता।

BJP वाले मेरी और अरविंद केजरीवाल की दोस्ती तोड़ना चाहते थे, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाए। अगर रामायण में कभी राम जी और लक्ष्मण जी अलग होते और दोबारा मिलते तो ऐसे ही मिलते जैसे 13 सितंबर को केजरीवाल के जेल से बाहर आने बाद हम दोनों मिले थे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अदालत की मुहर तो लग गई है कि केस खत्म है, लेकिन मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जनता की अदालत में जाऊंगा। अगर जनता मानती है कि मैं ईमानदार हूं तो मुझे वोट देकर कुर्सी पर बैठाए, अगर वो ऐसा नहीं करती है तो मैं घर बैठ जाऊंगा।