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'नॉन स्टॉप नहीं फुल स्टॉप हरियाणा बना दिया', खास बातचीत में AAP से गठबंधन और सीएम फेस पर भी बोले भूपेंद्र हुड्डा

Bhupinder Singh Hooda Interview हरियाणा में चुनावी सरगर्मी के बीत सियासी हलचल भी तेज है। इस बीच दैनिक जागरण से खास बातचीत की है राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा में। उन्होंने हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी आप के साथ गठबंधन से लेकर मुख्यमंत्री के चेहरे समेत तमाम महत्वपूर्ण सवालों पर खुलकर जवाब दिया है। यहां पढ़े पूरी बातचीत।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 21 Sep 2024 06:44 PM (IST)
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भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वह हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने को लेकर आश्वस्त हैं। (File Image)

अनुराग अग्रवाल, नई दिल्ली। हरियाणा में साल 2005 से 2014 तक मुख्यमंत्री रहे विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य में फिर कांग्रेस की सरकार बनने को लेकर आशान्वित हैं। अपनी उम्मीद और दावे की वजह वह भाजपा सरकार की 10 साल की विफलताओं को गिनाते हुए कहते हैं कि 2014 से 2024 तक प्रदेश की जनता ने भाजपा को काम करने का मौका दिया, लेकिन भाजपा ने जनता की उम्मीदों के विपरीत हरियाणा को विकास, प्रति व्यक्ति आय, रोजगार, स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाओं और औद्योगिक निवेश में काफी पीछे धकेल दिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जिस हरियाणा को हंसता-खेलता, आगे बढ़ता खुशहाल हरियाणा बनाया था, भाजपा ने अपने कार्यकाल में उस हरियाणा को नशे में उड़ता हरियाणा बना दिया है। प्रचार के दौरान वह 'नान स्टॉप हरियाणा' के नारे को 'फुल स्टॉप' हरियाणा बताते हुए भाजपा को घेरते नजर आते हैं।

साथ ही यह दावा भी करते हैं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर हरियाणा को विकास, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिक निवेश और रोजगार में नंबर-वन बनाया जाएगा। कांग्रेस के पिछले कार्यकाल, भाजपा के 10 साल और आगे की कार्ययोजना पर दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश।

सवाल- 10 साल सत्ता से दूर रहने के बाद कांग्रेस फिर से चुनावी रण में है। भाजपा सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही और कांग्रेस को फिर सत्ता में लौटने की उम्मीद है?

जवाब - प्रदेश की जनता ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के 10-10 साल का कार्यकाल देखा है। उनके पास आकलन करने का सबसे उपयुक्त समय यही है। कांग्रेस ने अपने 10 साल के कार्यकाल में जिस हरियाणा को प्रति व्यक्ति आय, स्वास्थ्य, शिक्षा, ढांचागत विकास, बिजली उत्पादन, औद्योगिक निवेश, विकास और रोजगार में नंबर-वन बनाया था, भाजपा ने उसे आखिरी पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है। फर्क पूरे प्रदेश की जनता के सामने है। भाजपा अपने कार्यकाल में कोई भी ऐसा प्रोजेक्ट हरियाणा में लेकर नहीं आई, जिसकी चर्चा की जा सके। एक इंच रेल और मेट्रो लाइन नहीं बिछाई गई। कांग्रेस के कार्यकाल की परियोजनाओं को बंद कर दिया गया। कांग्रेस के पास गिनाने के लिए उपलब्धियों के अपार भंडार हैं। यही हमारी ताकत है।

सवाल- कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में सात गारंटियां लांच की। एमएसपी की गारंटी, छह हजार रुपये मासिक पेंशन और दो लाख सरकारी नौकरियां। कैसे इनको पूरा करेंगे?

जवाब - हमने पहले भी करके दिखाया है। भाजपा का चुनाव घोषणा-पत्र भी आ चुका है, जो कि कांग्रेस के चुनाव घोषणा-पत्र की कॉपी-पेस्ट है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में कांग्रेस के वादों पर सहमति की मुहर लगाई है। कांग्रेस की तरह उसने भी दो लाख सरकारी नौकरियां देने की बात कही है, लेकिन पिछले 10 साल से भाजपा कहां थी। जब उसके पास मौका था, तब क्यों नहीं यह नौकरियां दीं। अब कांग्रेस सरकार योग्यता व मैरिट के आधार पर इन सभी नौकरियों को प्रदान करेगी। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में पेंशन की राशि नहीं बताई। हमने छह हजार रुपये मासिक पेंशन देने की बात कही है। एमएसपी की गारंटी का कानून हम बनाएंगे। काम करने की दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। व्यवस्था और संसाधन अपने आप तैयार हो जाते हैं।

सवाल- पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और मुख्यमंत्री नायब सैनी तक, सभी कांग्रेस शासित राज्यों की आर्थिक स्थिति और चुनाव पूर्व किए वादों का पोस्टमार्टम कर रहे हैं?

जवाब - यह सब लोगों को भ्रमित करने का प्रोपेगंडा है। कांग्रेस शासित राज्यों में सरकारें बहुत बढ़िया काम कर रही हैं। कहीं कोई आर्थिक परेशानी नहीं है। चरणबद्ध तरीके से सारे वादे और घोषणाएं पूरे किए जा रहे हैं। भाजपा इस तरह के आरोप लगाते हुए हरियाणा को क्यों भूल जाती है। जिस हरियाणा को कांग्रेस ने विकास में नंबर-वन बनाया था, उसी हरियाणा को भाजपा ने कर्ज में नंबर-वन बना दिया। राज्य पर करीब चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। पूरे प्रदेश में जब विकास की कोई नई परियोजना नहीं आई तो फिर कर्ज की यह राशि कहां चली गई। भाजपा इसे बताने को तैयार नहीं है, लेकिन जनता को पता है कि सारा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है।

सवाल - भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने जितनी चुनाव गारंटियां लांच की हैं, उन पर कई हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और कांग्रेस उनको पूरा नहीं कर पाएगी?

जवाब - क्यों नहीं कर पाएगी। कांग्रेस ने पिछली बार सत्ता में आने से पहले किसानों का सारा कर्ज माफ करने का वादा किया था। तब भी यही बात आई थी कि कैसे होगा, लेकिन हमने कर्जा माफ किया। इसके बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था को बहुत बढ़िया तरीके से चलाया। कांग्रेस अपनी समस्त गारंटियों को जनता के हित में लागू करेगी। दो लाख सरकारी नौकरियां प्रदान की जाएंगी। एमएसपी की गारंटी देंगे। छह हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। महिलाओं को दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।

300 यूनिट मुफ्त बिजली देंगे। 500 रुपये में महिलाओं को गैस सिलेंडर दिया जाएगा। आप एक बात बताओ, यदि भाजपा को लगता है कि कांग्रेस इन वादों को पूरा नहीं कर सकेगी तो फिर उसने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में कांग्रेस के वादों को क्यों कॉपी किया है। आप उनका चुनाव घोषणा-पत्र उठाकर देख लो। कांग्रेस की तर्ज पर ही भाजपा ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर, दो लाख सरकारी नौकरियां, 2100 रुपये महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की बातें कही हैं।

सवाल- पूरे प्रदेश में जातीय राजनीति हावी है। खासतौर से ओबीसी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के प्रति राजनीतिक दलों का खास प्रेम नजर आ रहा है?

जवाब - जातीय राजनीति हम नहीं बल्कि भाजपा कर रही है। कांग्रेस हमेशा से 36 बिरादरियों की राजनीति करती आई है। समाज में जाति का जहर अगर किसी ने घोला है तो वह भाजपा है। कांग्रेस ने अपने राज में ओबीसी के लिए क्रीमीलेयर की आय सीमा आठ लाख रुपये निर्धारित की थी, लेकिन भाजपा ने उसे अपने राज में घटाकर छह लाख रुपये कर दिया था। इस वजह से हजारों-लाखों लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। उन्हें उनके हक की नौकरियां और दाखिले नहीं मिले। कांग्रेस ने जब इसका विरोध किया तो चुनाव से कुछ समय पहले फिर क्रीमीलेयर की आय सीमा को भाजपा ने आठ लाख रुपये करने की औपचारिकता निभाई, लेकिन तब तक समय बीत चुका था। कांग्रेस ने ओबीसी क्रीमीलेयर की आय सीमा 10 लाख रुपये करने का वादा प्रदेश की जनता से किया है।

सवाल- हरियाणा में सरकारी नौकरियां बड़ा मुद्दा है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस राज में नौकरियां बिकती थीं?

जवाब - शीशे के घरों में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते, हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्यालय में नोटों से भरे बैग किसके कार्यकाल में पकड़े गए, पेपर लीक सबसे ज्यादा किसके कार्यकाल में हुए, भर्ती माफिया और पेपर लीक माफिया को किसने जन्म दिया, यह सब भाजपा के राज में हुआ। हरियाणा से बाहर के लोगों को योजनाबद्ध तरीके से यहां लाकर नौकरियां दी गईं। क्या हरियाणा में प्रतिभा नहीं है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से चोर रास्ते से भर्तियों का रास्ता किसने खोला? भाजपा ने ही खोला। राज्य में दो लाख सरकारी नौकरियों के पद खाली हैं, जिन पर योग्यता के आधार पर भर्ती करेंगे। हर पढ़े-लिखे को उसका हक मिलेगा।

सवाल - लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत हासिल की और पांच पर ही भाजपा चुनाव जीती। इन चुनाव नतीजों को कैसे देखते हैं?

जवाब - प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही मन बना लिया था कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार लानी है। आईएनडीआईए गठबंधन के तहत कांग्रेस नौ और आम आदमी पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ी थी। कांग्रेस ने नौ में से पांच सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने 10 में से पांच सीटें जीतीं। पूरे उत्तर भारत में हरियाणा में कांग्रेस को सबसे अधिक मत प्रतिशत हासिल हुआ, जिसका मतलब साफ है कि प्रदेश की जनता यहां कांग्रेस को चाहती है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से प्रदेश के एक-एक आदमी की जुबान पर आ गया कि हरियाणा में भाजपा जा रही है और कांग्रेस आ रही है।

सवाल- आईएनडीआईए गठबंधन की सहयोगी आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ को लेकर काफी दिनों तक असमंजस की स्थिति बनी रही। अगर कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ते तो क्या असर रहता?

जवाब - लोकसभा चुनाव के लिए आईएनडीआईए का गठन हुआ था। हरियाणा में कांग्रेस और आप मिलकर लोकसभा चुनाव लड़े। हमने कांग्रेस नेतृत्व को कह दिया था कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जरूरत नहीं है। कांग्रेस हरियाणा में स्वयं के बूते विधानसभा चुनाव लड़ने में सक्षम है। कांग्रेस नेतृत्व ने हमारी इस बात को स्वीकार किया। वैसे भी आम आदमी पार्टी के नेताओं को कुछ ज्यादा ही जल्दी थी। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व के फैसले का इंतजार किए बिना ही अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। आदमपुर उपचुनाव के नतीजे आपने देखे होंगे। वहां उपचुनाव में आप के उम्मीदवार को सिर्फ तीन हजार वोट मिले थे।

सवाल - कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। हुड्डा गुट बनाम पहले एसआरके गुट और अब एसआरबी, यानी सैलजा-सुरजेवावाला-बीरेंद्र गुट। कांग्रेस की इस गुटबाजी का चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

जवाब - कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस में स्वस्थ लोकतंत्र है। हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। टिकटों के आवंटन तक सभी ने अपनी-अपनी बात कांग्रेस हाईकमान के समक्ष रखी। कांग्रेस हाईकमान ने भी सभी की राय ली। अब टिकटों की घोषणा हो चुकी है तो पूरी कांग्रेस एकजुट होकर राज्य में सत्ता की वापसी के लिए प्रयासरत है।

सवाल - आपके विरोधी आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस पार्टी में सिर्फ हुड्डा का दबदबा है। किरण चौधरी और उनसे पहले कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं?

जवाब - मैं और मेरा परिवार पूरी तरह से कांग्रेस को समर्पित है। जिस व्यक्ति को जहां सुविधा होती है, वह वहां चला जाता है। इसमें मेरी क्या भूमिका हो सकती है।

सवाल - हरियाणा के चुनावी रण में क्षेत्रीय दल भी सक्रिय है। इनेलो और बसपा का गठबंधन है तो जजपा और आजाद समाज पार्टी ने गठजोड़ कर चुनावी रण में ताल ठोंकी है?

सवाल - गठबंधन की राजनीति का हश्र सबके सामने है। भाजपा ने साढ़े चार साल तक जजपा के साथ गठबंधन कर सरकार चलाई। इन साढ़े चार साल में पूरे प्रदेश को दोनों हाथों से लूटा गया। जजपा के भ्रष्टाचार पर भाजपा ने आंखें बंद करके रखी। इनेलो-हलोपा-बसपा गठबंधन भी भाजपा के लिए चुनाव लड़ रहा है। मेरा मानना है कि क्षेत्रीय दल सिर्फ वोट काटू दल की भूमिका में हैं। राज्य में चुनावी मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। बाकी किसी दल की कोई भूमिका नहीं है।

सवाल - पिछले चुनाव में भाजपा ने 75 पार का नारा दिया था, उसकी 40 सीटें आईं। इस बार कांग्रेस ने 65 पार का नारा दिया है तो आपको क्या लगता है, 90 सदस्यीय विधानसभा में क्या गणित रहने वाला है?

जवाब - मैं सीटों की संख्या के बारे में किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहता। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस पूर्ण, स्पष्ट और भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब भाजपा जाए और कांग्रेस सत्ता में लौटे, ताकि राज्य के संपूर्ण विकास को पंख लग सकें।

सवाल- भाजपा ने प्रदेश के विकास की गति को आगे बढ़ाने के लिए नान स्टॉप हरियाणा का नारा दिया है। इसे कैसे देखते हैं?

जवाब - यह नॉन स्टॉप हरियाणा नहीं, बल्कि भाजपा ने इसे फुल स्टॉप हरियाणा बना दिया। उड़ता हरियाणा बना दिया। अपराधियों व बदमाशों की शरणस्थली बना दिया। हमारे समय में बदमाशों ने हरियाणा छोड़ दिया था। दलितों को 100-100 गज के प्लाट देने की जो योजना कांग्रेस ने शुरू की थी, उसे भी भाजपा ने बंद कर दिया। रुकी हुई विकास परियोजनाओं को गति देंगे। नंबर-वन बनाने का काम करेंगे।

सवाल- एक आखिरी सवाल, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आप अपने सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास कर सकते हैं?

जवाब - अगर और मगर का कोई जवाब नहीं होता। मैं पहले ही कह चुका हूं कि हरियाणा के चुने हुए कांग्रेस विधायक जिसे चाहेंगे और जिसके नाम पर हाईकमान अपनी सहमति की मुहर लगाएगा, वही राज्य का मुख्यमंत्री होगा।

सवाल- कांग्रेस अभी सत्ता में भी नहीं आई, लेकिन अंदरूनी तौर पर मुख्यमंत्री की लड़ाई तेज हो गई। आपके समर्थक आपको और सैलजा के समर्थक दलित मुख्यमंत्री की मांग उठा रहे हैं?

जवाब - कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई लड़ाई नहीं है। कांग्रेस की चुनाव गारंटियां लांच करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि कांग्रेस किसी भी राज्य में चुनाव से पहले अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करती। हरियाणा में यह कोई नई बात नहीं है। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जब मुख्यमंत्री बनाने की बारी आएगी, तब विधायक जिसे चाहेंगे, उसे विधायक दल का नेता चुनेंगे और कांग्रेस हाईकमान उस पर मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सहमति की मुहर लगाएगा। हमेशा से ऐसा होता आया है। हरियाणा में भी इसी फॉर्मूले पर चला जाएगा।