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MP Election: सितंबर में MP विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेगा निर्वाचन आयोग, तीन दिवसीय रहेगा दौरा

31 अगस्त को मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए आवेदन लेने का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद आयोग की टीम मध्य प्रदेश आएगी। तीन दिवसीय दौरा रहेगा। इसमें पहले मैदानी अधिकारियों कलेक्टरों-कमिश्नरों आइजी और पुलिस अधीक्षकों से जानकारी ली जाएगी। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी आयोग करेगा तैयारियों पर चर्चा। कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि निर्वाचन आयोग से हम मुख्य सचिव को हटाने की मांग करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Thu, 24 Aug 2023 12:08 PM (IST)
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सितंबर में MP विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेगा निर्वाचन आयोग (फोटो-नई दुनिया)
भोपाल, जागरण डेस्क। MP Election 2023: नवंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा करने के लिए निर्वाचन आयोग की टीम सितंबर में भोपाल आएगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में सभी प्रमुख अधिकारी आएंगे।

मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, कलेक्टर,कमिश्नर, आइजी और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर जानकारी ली जाएगी। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी आयोग चर्चा करेगा।

निर्वाचन आयोग की टीम आएगी मप्र 

31 अगस्त को मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए आवेदन लेने का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद आयोग की टीम मध्य प्रदेश आएगी। तीन दिवसीय दौरा रहेगा। इसमें पहले मैदानी अधिकारियों कलेक्टरों-कमिश्नरों, आइजी और पुलिस अधीक्षकों से जानकारी ली जाएगी।

अधिकारियों के साथ होगी बैठक

इसके बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह और सामान्य प्रशासन के साथ बैठक होगी। सबसे अंत में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी। समीक्षा में मतदाता सूची, मतदान केंद्र, सुरक्षा व्यवस्था, अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की तैयारी सहित अन्य विषयों पर चर्चा होगी।

कांग्रेस की होगी निर्वाचन आयोग से यह मांग

कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि निर्वाचन आयोग से हम मुख्य सचिव को हटाने की मांग करेंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। प्रत्याशी घोषित होने के बाद स्थानीय अधिकारी उनके साथ बैठक कर रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। आयोग से शिकायत की जा चुकी है और यदि शीघ्र कदम नहीं उठाया जाता है तो न्यायालय में याचिका दायर कर हस्तक्षेप की मांग की जाएगी।