'नाव में बैठी थी और जोर की बारिश होने लगी थी', IC-814 एक्ट्रेस Dia Mirza ने शेयर किया डरावना अनुभव
दीया मिर्जा केअभिनय ने हमेशा फैंस को इंप्रेस किया है। फिलहाल एक्ट्रेस विमान हाइजैक की रियल घटना पर बनी अनुभव सिन्हा निर्देशित वेब सीरीज आइसी-814 द कंधार हाइजैक में एक मीडिया पत्रकार की भूमिका में नजर आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने बताया कि जब ये घटना हुई थी तब वह महज 18 साल की थीं। इसके अलावा उन्होंने कई और भयावह अनुभव शेयर किए।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। विमान हाइजैक पर आधारित अनुभव सिन्हा निर्देशित वेब सीरीज ‘आइसी 814’ में नजर आने वाली दीया मिर्जा स्वयं इस घटनाक्रम की परोक्ष साक्षी रही हैं। फिल्म व अन्य मुद्दों पर उन्होंने स्मिता श्रीवास्तव के साथ साझा किए अपने विचार...
24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से नई दिल्ली जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान आइसी 814 को हाईजैक कर लेने की वास्तविक घटना पर बनी है अनुभव सिन्हा निर्देशित वेब सीरीज ‘आइसी 814’। इसमें अभिनेत्री दीया मिर्जा एक अंग्रेजी मीडिया संस्था की प्रमुख की भूमिका में हैं।
अनुभव सिन्हा के साथ वह पहले भी फिल्म ‘थप्पड़’ और ‘भीड़’ में काम कर चुकी हैं। अनुभव के साथ काम करने को लेकर दीया दीया कहती हैं, ‘अनुभव ऐसे ही काम का प्रस्ताव लेकर आते हैं जो हमारे लिए अहम हो, अच्छा हो। इतना तो विश्वास होता ही है।
उनकी फिल्मों में कुछ भी बनने को तैयार हूं- दीया मिर्जा
मैं हमेशा कहती हूं कि किसी भी कलाकार के लिए एक ऐसे निर्देशक के साथ काम करना बहुत बड़ी बात होती है, जो आप पर इतना भरोसा करते हैं और आपकी प्रतिभा का सम्मान करते है। मैं तो अनुभव की कहानी में कुर्सी, पंखा या दरवाजा कुछ भी बनने के लिए तैयार हूं क्योंकि बहुत कम ऐसे निर्देशक हैं जो ऐसी कहानियां लिखते हैं और उस दृष्टिकोण से सोचते भी हैं।’
यह भी पढ़ें: IC 814 The Kandahar Hijack Review: सच्ची घटना का बेहतरीन चित्रण, अनुभव सिन्हा का ओटीटी पर शानदार डेब्यू
गहराई से कंधार हाइजैक पर हुई थी चर्चा
आज इंटरनेट मीडिया के कारण दुनिया की कोई भी घटना चंद पलों में चहुंओर पहुंच जाती है। हालांकि साल 1999 के समय इंटरनेट मीडिया तो था नहीं। उस समय इस घटना से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए दीया बताती हैं,
"तब मैं बस महज 18 साल की हुई थी। मैं मुंबई में मिस इंडिया की ट्रेनिंग लेने के लिए आई थी। तब समय काफी अलग था। हमें खबरों की जानकारी रखना बहुत जरूरी होता था क्योंकि हम सवाल-जवाब राउंड के लिए तैयारी कर रहे थे। हम ट्रेनिंग के मध्य में थे, जब यह घटनाक्रम चल रहा था। बहुत गहराई से इस पर चर्चा हुई थी कि कंधार हाईजैक को लेकर पूछा जा सकता है तो हमारी क्या प्रतिक्रिया होगी। दूसरा पहलू यह है कि तब जो खबरें मिलती थीं, वे विश्वसनीय होती थीं। तब हमें खबरों के लिए इंतजार भी करना होता था। लोग अपने परिवार के पास वापस आए तो हमारे लिए नए साल को मनाने के मायने भी अलग थे। उस समय उन हालात को देखकर लगता था कि शायद यह प्रतियोगिता ही निरस्त न हो जाए। बहुत सारे पहलुओं को लेकर चर्चा होती थी। अब लोगों के पास खबरों को जांचने-परखने का समय नहीं है"।
यह बतौर कलाकार हमारी जिम्मेदारी भी है कि इंटरनेट मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसके बारे में 10 बार सोचें। उसका राजनीतिक या सामाजिक संदर्भ जानना जरूरी है। एक बार एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के एक गंभीर आलेख में मेरा कोट दिया गया था जबकि वो मैंने कहा ही नहीं था। फिर मैंने उनके संपादक को फोन करके कहा कि मैंने तो ऐसा कुछ कहा भी नहीं है। शुक्र है कि उन्होंने उसे अपनी वेबसाइट से हटा दिया, लेकिन ऐसा होता है और यह बहुत डरावना है।’
ऐसा लगा था कि मैं डूब ही जाऊंगी- दीया मिर्जा
जिंदगी की सबसे कठिन परिस्थिति के बारे में दीया बताती हैं, ‘मुझे याद है कि एक बार मैं समुद्र में तैर रही थी कि अचानक से महसूस हुआ कि लहरें खींच रही हैं। मुझे लगा कि अब मैं नहीं बचूंगी। मेरे साथ जो लोग थे, वह बार-बार दोहरा रहे थे कि इसे जाने दो, उसका विरोध मत करो। तुम तैराक हो, उससे लड़ो नहीं।
जिस क्षण मैंने प्रतिरोध करना बंद किया, मैंने बेहतर महसूस किया और कुछ समय बाद मैं तैरकर वापस आ गई। उस समय ऐसा था जैसे 100 हाथ आपके पैरों को पकड़कर अंदर की तरफ खींच रहे हैं। ऐसी ही एक और घटना है। हम लोग नाव में थे और जोर की बारिश होने लगी। तूफान जैसा माहौल बन गया था। लग रहा था कि हम तट पर वापस ही नहीं पहुंच पाएंगे। ये काफी भयानक अनुभव रहे हैं।’