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बारिश के बाद पानी की गुणवत्ता में आई कमी, 70 प्रतिशत मरीजों को पेट की तकलीफ; जरूर बरतें ये सावधानी

डॉक्टर कह रहे हैं कि स्वच्छ पानी न होने के कारण सबसे पहली दिक्कत पेट में ही होती है। उसी से बाद में तरह-तरह के रोग पनपते है। दूषित पानी के कारण पाचन तंत्र प्रभावित होता है। उससे किसी मरीज को पेट में संक्रमण होता है। किसी को उल्टी-दस्त किसी को मोतीझरा और किसी को पीलिया हो जाता है। अभी पेट दर्द और बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 16 Jul 2023 04:46 PM (IST)
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बारिश के बाद पानी की गुणवत्ता में आई कमी, 70 प्रतिशत मरीजों को पेट की तकलीफ; जरूर बरतें ये सावधानी

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बारिश के बाद पीने के पानी की गुणवत्ता में कमी आई है। इसके कारण लोगों को पेट की तकलीफ हो रही है। शहर के सिविल अस्पताल में ही हर 10 में से सात मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनको कोई न कोई पेट की तकलीफ हो रही है। या तो पेट दर्द हो रहा है या उलटी हो रही है या दस्त।

आम तौर पर पेट की तकलीफ के 20 से 25 प्रतिशत मरीज आते हैं, लेकिन इन दिनों में यह संख्या 70 प्रतिशत तक पहुंच गई है। अब सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रोजाना 120 तक मरीज आ रहे हैं। इनमें से 70 प्रतिशत मौसमी बीमारियों के हैं। डाक्टरों का तो कहना है कि यह समस्या पेयजल में सीवर या नालों का पानी मिक्स होने के बाद ही बनती है।

डॉक्टर कह रहे हैं कि स्वच्छ पानी न होने के कारण सबसे पहली दिक्कत पेट में ही होती है। उसी से बाद में तरह-तरह के रोग पनपते है। दूषित पानी के कारण पाचन तंत्र प्रभावित होता है। उससे किसी मरीज को पेट में संक्रमण होता है। किसी को उल्टी-दस्त, किसी को मोतीझरा और किसी को पीलिया हो जाता है। अभी पेट दर्द और बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं।

उधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दिनों माइनरों में मिट्टी और कूड़ा-कर्कट बहकर की बात तो कही जा रही है लेकिन पेयजल में सीवर और नालों का पानी मिक्स होने की संभावना से इंकार किया जा रहा है। विभाग द्वारा इन दिनों मिट्टी युक्त पानी को साफ करने के लिए पीएसी की मात्रा बढ़ाई गई है। फिर भी घरों में मिट्टी युक्त या फिर लाल रंग का पानी पहुंच रहा है। इससे दिक्कत आ रही है।

इस बार समय से पहले ज्यादा बारिश तो बढ़े मरीज

इस बार समय से पहले ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस बार जून की शुरूआत से ही बारिश हो रही है। ऐसे में जगह-जगह जलजमाव हो गया है। इससे एक तरफ डेंगू व मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं, तो दूसरी तरफ पीने का पानी साफ न होने से लोगों को पेट की तकलीफ हो रही है। सिविल अस्पताल के अलावा प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों में भी रोजाना मरीज पहुंच रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि अभी तो डेंगू व मलेरिया से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।

बारिश के मौसम में ये बरतें सावधानी

1. पानी को उबालकर पीएं

2. साफ-सफाई पर ध्यान दें

3. मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाएं

4. पूरी बाजू के कपड़े पहनें

5. अपने आसपास कहीं पर पानी जमा न होने दें

सिविल अस्पताल के डॉ. जितेंद्र सूर्या ने कहा, "इस समय सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 70 प्रतिशत मरीज पेट की तकलीफ के आ रहे हैं। यह दिक्कत पीने के पानी में सीवर का पानी मिक्स होने से पैदा हो रही है। इससे पीलिया के मरीज भी बढ़ सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पेयजल की गुणवत्ता को सुधारा जाए। लोग खुद भी इस पर ध्यान दें।"

जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ संदीप दुहन का कहना है कि बारिश के मौसम में पानी के अंदर मिट्टी ज्यादा घुली रहती है। इन दिनों यही स्थिति है। फिर भी पानी को साफ करने के लिए पीएसी की मात्रा बढ़ाई गई है। अगर कहीं पर भी लीकेज की समस्या है तो उसे तुरंत ठीक किया जा रहा है।