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पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने आंदोलनकारियों का बढ़ाया मनोबल, उत्साह में टीकरी बॉर्डर पर निकाला जुलूस

पांच राज्यों के रविवार को आए चुनावी नतीजों में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर आंदोलनकारियोंने खुशी मनाईं। इस उत्साह में उन्होंने टीकरी बॉर्डर पर जुलूस निकाला और रसगुल्ले बांटे।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 03 May 2021 06:40 AM (IST)
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पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने आंदोलनकारियों का बढ़ाया मनोबल, उत्साह में टीकरी बॉर्डर पर निकाला जुलूस

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

पांच राज्यों के रविवार को आए चुनावी नतीजों में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर आंदोलनकारियोंने खुशी मनाईं। इस उत्साह में उन्होंने टीकरी बॉर्डर पर जुलूस निकाला और रसगुल्ले बांटे। दरअसल, किसानों का ध्यान सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल पर था। वहां पर ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ तृणमूल कांग्रेस की जीत ने आंदोलनकारियों का उत्साह बढ़ा दिया है। शुरू दिन से ही आंदोलनकारी ऐसे ही नतीजे के इंतजार में थे। भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए आंदोलनकारी नेताओं ने भी खूब जोर लगाया था। चुनावी राज्यों में भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था। आंदोलनकारी इस कोशिश में थे कि किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार न बन पाए। हुआ भी ऐसा ही। इससे उत्साहित आंदोलनकारियों ने दोपहर के समय ही टीकरी बॉर्डर के स्टेज से शाम को सेक्टर-नौ मोड़ से टीकरी बॉर्डर तक विजयी जुलूस निकालने का ऐलान किया गया। शाम को यह रैली निकाली भी गई। ये बोले किसान नेता

हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने वीडियो जारी करके पश्चिम बंगाल में भाजपा की हार पर जश्न मनाने और लड्डू बांटने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि भाजपा सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए। वहीं टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे पंजाब के किसान नेता जोगेंद्र सिंह उगराहा ने कहा कि भाजपा को किसान आंदोलन के कारण ही लगातार राजनीतिक नुकसान हो रहा है। जल्द ही सरकार की ओर से किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो आगे भी ऐसा ही होगा। पंजाब की कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष राजिद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही भाजपा को यह नुकसान हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्री हर मीटिग में यह कहते रहे हैं कि जहां पर भाजपा जीत रही है वहां के किसान कानूनों पर मुहर लगा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में भाजपा की हार ने यह साबित कर दिया है कि देश का किसान एकजुट है और केंद्र सरकार की कृषि विरोधी नीतियों से नाराज है। वहीं पंजाब की भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के नेता परगट सिंह ने कहा किसानों की उपेक्षा और तीन कृषि कानूनों का ही नतीजा है कि देश भर में किसान और कमेरा वर्ग भाजपा से दूर हो रहा है।