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किडनी ट्रांसप्लांट का मकड़जाल, जयपुर पुलिस ने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के दो सर्जन को किया गिरफ्तार

फर्जी एनओसी के आधार पर अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में जयपुर पुलिस ने शनिवार दोपहर फोर्टिस अस्पताल के दो सर्जन डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया है। इससे पहले शुक्रवार को फोर्टिस के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को डॉक्टर्स के बारे में जानकारी मिली थी। दोनों डॉक्टर ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को देखने के लिए किराये के घरों में जाते थे।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 12 May 2024 12:07 AM (IST)
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किडनी ट्रांसप्लांट का मकड़जाल, जयपुर पुलिस ने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के दो सर्जन को किया गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। फर्जी एनओसी के आधार पर अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में जयपुर पुलिस ने शनिवार दोपहर फोर्टिस अस्पताल के दो सर्जन डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया है। इससे पहले शुक्रवार को फोर्टिस के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को डॉक्टर्स के बारे में जानकारी मिली थी। पुलिस ने बताया कि दोनों डाक्टर ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को देखने के लिए किराये के घरों में जाते थे।

भानू प्रताप से पूछताछ के बाद जयपुर पुलिस ने शनिवार को अस्पताल के दो डॉक्टर्स से छह घंटे अलग-अलग पूछताछ की। इसके बाद सर्जन संदीप गुप्ता और जितेंद्र गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक जितेंद्र गोस्वामी फोर्टिस से पहले मणिपाल अस्पताल में काम करता था।

मणिपाल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर सितंबर 2023 में उसने फोर्टिस में काम करना शुरू किया था। डॉ. जितेंद्र और संदीप गुप्ता ही फोर्टिस में आर्गन ट्रांसप्लांट करते थे। दोनों डॉक्टर्स से पूछताछ में पता चला कि इन्हें कई अन्य डॉक्टर्स की जानकारी भी है, जो पहले इस तरह अवैध रूप से ट्रांसप्लांट कर चुके हैं।

इससे पहले शुक्रवार को जयपुर पुलिस ने फोर्टिस के नर्सिंग स्टाफ भानू प्रताप को राजस्थान के बारां के हरनावदा से गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में पता चला था कि वह फोर्टिस अस्पताल में नौकरी करता था। फर्जी एनओसी के मामले में अप्रैल के महीने में जांच के दौरान भानू से पहले भी एसीबी पूछताछ कर चुकी है।

एसीबी ने जैसे ही भानू को पूछताछ के लिए बुलाया था तो अस्पताल प्रशासन ने कुछ समय के लिए उसे नौकरी पर आने के लिए मना कर दिया। इसके बाद से ही वह अपने गांव में रह रहा था।

इधर पुलिस की ओर से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में सवाई मान सिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस के आर्गन को-आर्डिनेटर विनोद सिंह, मैडी सफर कंपनी के डायरेक्टर सुमन जाना व दलाल सुखमय नंदी से पूछताछ में भानू की भूमिका मिली। पता चला कि आरोपित भानू प्रतिदिन दलालों के संपर्क में रहकर उन्हें अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था।

अस्पताल में ट्रांसप्लांट के बाद जहां कहीं भी मरीजों को रखा जाता था। उनकी देखरेख के लिए भानू ही जाता था। इसके बदले उसे दलालों से अलग से पैसे मिलते थे। जयपुर पुलिस ने भानू को दो दिन के रिमांड पर ले रखा है।

एसीपी गांधी नगर गोपाल सिंह ढाका ने बताया कि भानू ने पूछताछ में उन डॉक्टर्स के नाम उगले, जो इस खेल में लगे हुए थे। इस पर पुलिस टीम ने दो डॉक्टर्स को शनिवार सुबह एसीपी गांधी नगर के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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