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Haryana Election: समय से पहले नहीं होंगे विधानसभा चुनाव, चुनाव आयोग ने टटोला राजनीतिक दलों का मन

हरियाणा में अक्टूबर महीने में विधानसभा का चुनाव (Haryana Assembly Election) संभावित है। चुनाव आयोग ने समय से पहले चुनाव कराने से मना कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajiv Kumar) और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार व सुखबीर सिंह संधू दो दिन के दौरे पर पहुंचे। वहां उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों संग की चुनावों पर चर्चा की।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 13 Aug 2024 02:58 PM (IST)
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चंडीगढ़ पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार व डा. एसएस संधू (जागरण फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में समय से पहले विधानसभा चुनाव नहीं होंगे। अक्टूबर में प्रस्तावित चुनावों को समय से पहले कराने की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि चुनाव तिथि के एलान के साथ आचार संहिता लग जाएगी।

सरकार के पास काम करने के लिए महीना-डेढ़ महीना रह गया है। इसके बाद तो आचार संहिता लगनी ही है। चुनाव आयोग अपनी तैयारियों में पहले से ही लग जाता है। इसे जल्दी चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

चंडीगढ़ पहुंची चुनाव आयोग की टीम

वहीं, विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत सोमवार को भारतीय चुनाव आयोग की टीम चंडीगढ़ पहुंच गई। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार व डॉ. एसएस संधू ने दौरे के पहले दिन राजनीतिक दलों के नेताओं से चुनावों पर चर्चा की। साथ ही निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों पर मंथन किया।

इनेलो ने चुनाव आयुक्त से ये मांग

इनेलो की तरफ से पूर्व पुलिस महानिदेशक एमएस मलिक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। इनेलो नेताओं ने बुजुर्गों को घर से ही वोट डालने की सुविधा की उम्र को 85 से घटा कर 80 साल करने और बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए पोलिंग बूथ को उनके घर के नजदीक करने की मांग रखी।

ईवीएम पर अधिक प्रत्याशी होने की स्थिति में मतदाताओं को ट्रेनिंग देकर जागरूक करने, सभी मतदाताओं को मतदाता सूची उपलब्ध कराने, मतदान और मतगणना के वोटों के मिलान में लाखों वोटों के अंतर को ठीक करने की मांग की।

वहीं 25 सितंबर को जननायक देवीलाल के जन्मदिवस पर मनाए जाने वाले सम्मान दिवस रैली में होने वाले खर्चों को चुनावी खर्च से बाहर करने तथा रैली पर आचार संहिता के नियम लागू न करने की मांग रखी।

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माकपा के सदस्यों ने भी की मुलाकात

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल कामरेड वीरेंद्र मलिक, ओमप्रकाश और सतीश सेठी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल किया कि हाल ही में 18वीं लोक सभा चुनाव में डाले गए व गिनती किए गए वोटों में इतना ज्यादा अंतर क्यों पाया गया।

साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जहां सत्ताधारी पार्टियों द्वारा चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना कर मतदाताओं को पैसे व शराब इत्यादि का प्रलोभन दिया जाता है, वहीं सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग तथा धर्म व जाति के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित करने जैसे गैर लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें रोकने के लिए चुनाव आयोग कौन से कदम उठाने जा रहा है?

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