हरियाणा चुनाव से पहले युवाओं का लगा जैकपॉट, आचार संहिता के बाद भी होती रहेंगी भर्तियां; कई पदों पर और निकली नौकरियां
हरियाणा विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश में आचार संहिता लागू है। ऐसे में प्रदेश में भर्ती की प्रक्रिया जारी रहेगी। इस फैसले के बाद से युवाओं के चेहरे खिल गए हैं। हालांकि चुनाव परिणाम जारी नहीं होंगे। यह इसलिए ताकी सत्ताधारी पार्टी चुनावी लाभ न उठा सके। इसके साथ ही अन्य कई पदों पर भी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने भर्तियां निकाली हैं।
राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा विज्ञापित पुलिस कॉन्स्टेबल के 5600 पदों, विभिन्न विभागों में खेल कोटे के 369 पदों तथा प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) के 76 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी।
इसके अलावा हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा 38 श्रेणियों के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षाएं आयोजित की जा सकेंगी। हालांकि, विधानसभा चुनाव तक इन भर्तियों के रिजल्ट घोषित नहीं किए जा सकेंगे, ताकि सत्ताधारी पार्टी चुनावी लाभ न उठा सके।
फैसले के बाद निकली और भर्तियां
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद हरियाणा लोक सेवा आयोग ने बुधवार शाम को विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड में अकाउंट आफिसर के तीन, श्रम विभाग में फिजियोथेरेपिस्ट के चार और विद्युत प्रसारण निगम में ही मेडिकल आफिसर के एक पद के लिए नई भर्तियां निकाली हैं।यह भी पढ़ें- Haryana Election 2024: चुनाव के बीच युवाओं के लिए राहत भरी खबर, चलती रहेंगी भर्तियां; प्रमोशन पर भी रोक नहीं
कांग्रेस कम्यूनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं सांसद जयराम रमेश की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
कांग्रेस ने खड़े किए थे सवाल
कांग्रेस सांसद ने 16 अगस्त को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद एचएसएससी द्वारा विज्ञापित भर्तियों और एचपीएससी द्वारा भर्ती परीक्षाओं के आयोजन पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद आयोग ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब कर मामले की जांच कराई।
हरियाणा सरकार द्वारा सौंपी रिपोर्ट के अध्ययन में आयोग ने पाया कि भर्तियों को लेकर विभिन्न स्तरों पर प्रक्रिया चुनावों की घोषणा से पहले चल रही थी। इसलिए इसे आदर्श आचार संहिता के दायरे में नहीं लाया जा सकता। नियमानुसार आचार संहिता के बावजूद वैधानिक अधिकारी अपना काम जारी रख सकते हैं।
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