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Haryana Election: मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस-भाजपा की निगाहें, INLD और JJP ने खेला दिग्गजों पर दांव

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) में कांग्रेस ने 5 भाजपा ने 2 जजपा ने 5 इनेलो और आप ने 3-3 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। नूंह फिरोजपुर झिरका पुन्हाना हथीन सोहना यमुनानगर साढौरा और जगाधरी सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक हैं। हरियाणा में मुस्लिमों की आबादी 6 प्रतिशत है। जानिए इन सीटों के समीकरण और उम्मीदवारों के बारे में।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 21 Sep 2024 04:34 PM (IST)
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मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें (फाइल फोटो)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। प्रदेश की मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने को सभी राजनीतिक दलों ने विशेष रणनीति तैयार की है। कांग्रेस ने जहां पांच विधानसभा सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा है, वहीं भाजपा ने दो विधानसभा सीटों पर। जजपा ने भी पांच सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, इनेलो और आम आदमी पार्टी ने तीन-तीन विधानसभा सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं।

इन सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक

प्रदेश में आधा दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में होते हैं। इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को जिम्मा सौंपा है। राज्य में फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, नूंह, हथीन और सोहना सीटें मेवात क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य आती हैं, जबकि यमुनानगर, साढौरा और जगाधरी उत्तर हरियाणा में पड़ती हैं। यह इलाका उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से सटा है, जबकि मेवात क्षेत्र दिल्ली व राजस्थान की सीमाओं के बेहद करीब है।

2019 में मेवात की तीनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा

उत्तर हरियाणा में अक्सर बहुजन समाज पार्टी तथा दक्षिण हरियाणा में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर इनेलो के उम्मीदवार चुनाव जीतते रहे हैं, लेकिन साल 2019 के विधानसभा चुनाव में मेवात की तीनों विधानसभा सीट नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना पर कांग्रेस का कब्जा बना हुआ है।

इस तरह समझिये नूंह के समीकरण

नूंह विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने निवर्तमान विधायक चौधरी आफताब अहमद को दोबारा चुनावी रण में उतारा है, जबकि भाजपा ने यहां पूर्व मंत्री जाकिर हुसैन का टिकट काटकर पूर्व वन राज्यमंत्री एवं सोहना के निवर्तमान विधायक संजय सिंह पर भरोसा जताया है।

जाकिर हुसैन के बेटे ताहिर हुसैन को इनेलो ने अपना उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के पूर्व राज्यपाल एआर किदवई की बेटी राबिया किदवई को टिकट दिया है। सरदार खान नूंह से जीतने वाले पहले गैर कांग्रेसी और गैर निर्दलीय प्रत्याशी थे।

इस सीट पर तीन बार रहीम खान और तीन बार खुर्शीद अहमद ने चुनाव जीते हैं। भाजपा यहां पहली बार जीत का प्रयास कर रही है। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में नूंह से जाकिर हुसैन ने इनेलो के टिकट पर जीत हासिल की थी। तब उन्होंने कांग्रेस के चौधरी आफताब अहमद को 32 हजार वोटों से हराया था। भाजपा के मौजूदा प्रत्याशी संजय सिंह को तब साल 2014 में सिर्फ 19.75 फीसदी वोट मिल पाए थे।

फिरोजपुर झिरका में फिर होगी कांटे की टक्कर

मेवात की प्रमुख फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने निवर्तमान विधायक मामन खान पर भरोसा जताया है, जबकि भाजपा ने यहां पूर्व विधायक नसीम अहमद को चुनावी रण में उतारा है। इनेलो की ओर से हबीब, आम आदमी पार्टी की ओर से वसीम और जननायक जनता पार्टी की ओर से जान मोहम्मद चुनाव लड़ रहे हैं।

1967 में पहली बार दीन मोहम्मद ने विशाल हरियाणा पार्टी और 1977 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी। फिरोजपुर झिरका सीट से चार बार कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। शकरुल्ला खान ने तीन बार और आजाद मोहम्मद ने दो बार विधानसभा में फिरोजपुर झिरका का प्रतिनिधित्व किया। इस बार यहां मुकाबला कड़ा है। सभी जीत के लिए जोर लगा रहे हैं।

पुन्हाना में इस बार दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने लगाया पूरा जोर

मेवात की पुन्हाना सीट पर भी मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं। 2009 में नूंह और फिरोजपुर झिरका के कुछ हिस्सों को मिलाकर पुन्हाना विधानसभा सीट का गठन किया गया था। साल 2009 के विधानसभा चुना में इनेलो के मोहम्मद इलियास (अब कांग्रेसी) ने यहां से जीत हासिल की थी।

साल 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी रहीश खान विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस ने इस बार यहां से अपने निवर्तमान विधायक मोहम्मद इलियास को चुनावी रण में उतारा है, जबकि भाजपा ने ऐजाज खान को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नायब हैं तो जजपा ने अताउल्ला पर भरोसा जताया है।

मुस्लिमों की आबादी छह प्रतिशत

प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी छह प्रतिशत है। कांग्रेस ने जगाधरी में पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान, हथीन में मोहम्मद इसराइल को चुनाव मैदान में उतारा है। इनेलो ने हथीन में तैयब को उम्मीदवार बनाया है, जबकि जजपा ने यमुनानगर में इंतजार अली, सढ़ोरा में सोहेल और एनआइटी फरीदाबाद में हाजी करामत अली पर भरोसा जताया है। राज्य की हथीन और सोहना सीटों पर भी मुस्लिम वोटर्स की संख्या किंगमेकर की रही है। हथीन सीट पर सत्तारूढ़ बीजेपी को पहली बार साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी।

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इलियास के नाम जीत का रिकॉर्ड

कांग्रेस के निवर्तमान विधायक मोहम्मद इलियास ने रिकॉर्ड बनाया हुआ है। 70 वर्षीय मोहम्मद इलियास अलग-अलग समय पर नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना विधानसभा सीटों से जीत हासिल करने वाले प्रत्याशियों में एक हैं। मोहम्मद इलियास साल 1991 में नूंह से जीतकर पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे।

इसके बाद उन्होंने साल 2000 में इनेलो के टिकट पर फिरोजपुर झिरका से, साल 2009 में फिर इनेलो के टिकट पर पुन्हाना से और 2019 में पुन्हाना से कांग्रेस के टिकट पर चौथी बार चुनाव जीते।

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