'मुझे लात मारी, चाकू से गोदा...' कोलकाता कांड के बाद अब रोहतक में मेडिकल छात्रा के साथ शोषण; पीड़िता ने बताई आप बीती
कलकत्ता कांड के बाद एक खबर अब रोहतक से सामने आ रही हैं। यहां पीजीआई (Rohtak PGI) की एक छात्रा ने सीनियर पुरुष डॉक्टर पर आरोप लगाए हैं कि उसने उसके साथ शोषण किया। उसकी पिटाई की गई और 12 घंटे तक यातानाएं दीं। पीड़िता ने आरोप लगाए कि उसका एडमिट कार्ड भी रोक लिया। छात्रा बीडीएस की प्रथम साल की छात्रा है।
डिजिटल डेस्क, रोहतक। कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म मामले के कुछ दिनों बाद हरियाणा के रोहतक से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां फर्स्ट ईयर की बीडीएस छात्रा प्राची ने सीनियर पुरुष डॉक्टर पर कथित तौर से शोषण और अपहरण के आरोप लगाए हैं।
प्राची ने सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम पर बताया कि वह पीजीआई रोहतक में बीडीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा है। उसने बताया कि पीजी एनाटॉमी, डॉ. मनिंदर कौशिक उसका लंबे समय से पीछा कर रहे हैं।
प्राची ने इंस्टाग्राम पर लिखा...
पिछले सात महीनों से, एक वरिष्ठ पीजी एनाटॉमी, डॉ. मनिंदर कौशिक मेरा पीछा कर रहे हैं। उनसे बात एक दोस्त के रूप में हुई, जो वक्त के साथ भयावह होती चली गई। उन्होंने लगातार मुझ पर संबंध बनाने के लिए दबाव डाला और जब मैंने इनकार कर दिया तो वह हिंसक हो गए।
पिछले दो महीनों से मैं डर में जी रही हूं, क्योंकि वह मुझे लगातार परेशान कर रहा है और ब्लैकमेल कर रहा है। उसने धमकी दी कि अगर बात नहीं मानी तो मैं एनाटॉमी में फेल हो जाऊंगी और यहां तक कि मेरा एडमिट कार्ड भी रोक लिया, इसका इस्तेमाल उसने मुझे मजबूर करने के लिए किया।
प्राची ने लिखा कि आरोपी ने 16 अगस्त को फोन कर लाइब्रेरी के बाहर बुलाया और वादा किया कि उसे वह अब परेशान करना बंद कर देगा और एडमिट कार्ड भी दे देगा। इसके बाद प्राची ने लिखा...
उसने मुझे जबरदस्ती अपनी कार में बिठाया, मुझ पर हिंसक हमला किया और मुझे एक अज्ञात स्थान पर ले गया। 16 तारीख को रात 11 बजे से लेकर 17 तारीख को दोपहर 1 बजे तक, लगभग 12 घंटों तक, उसने मुझे अत्यधिक शारीरिक और भावनात्मक शोषण का शिकार बनाया।
उसने मुझे लात मारी, मुक्का मारा और चाकू से प्रताड़ित किया, जिससे मेरे चेहरे सहित मेरे पूरे शरीर पर निशान पड़ गए। आखिरकार मुझे वापस कैंपस में छोड़ दिया गया, जहां मैंने तुरंत अपने माता-पिता को बुलाया और शिकायत दर्ज कराई।
प्राची ने लिखा इसके बावजूद आरोपी के खिलाफ कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की गई। मैं यह सवाल करके रह गई हूं कि उनके जैसे किसी व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की अनुमति कैसे दी जा सकती है।
पीड़िता ने कहा, मैंने जो कुछ सहा है उसके लिए मैं न्याय चाहती हूं और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि किसी और को भी इस तरह से पीड़ा न झेलनी पड़े।
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