Himachal: केंद्र से मिली आर्थिक सहायता पर सरकार-विपक्ष में नोकझोंक, सुक्खू बोले- 'जयराम जी समय निकालें, PM से मिलने साथ चलेंगे'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एक वर्ष के भीतर 12000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने वाले बेचारे बनने की कोशिश कर रहे हैं। यह सब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए किया जा रहा है। केंद्र ने हर मोर्च पर वित्तीय सहायता की लेकिन कांग्रेस नेताओं के मुंह से धन्यवाद का एक शब्द नहीं निकल रहा। सुक्खू ने कहा कि भाजपा के सांसद प्रधानमंत्री से मिलने से डरते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Thu, 21 Dec 2023 05:00 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आपदा से हिमाचल को हुए नुकसान और केंद्र से मिली आर्थिक सहायता पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक हुई। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि मुख्यमंत्री का वक्तव्य तथ्यों पर आधारित नहीं है।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को कहा कि जयराम जी... आप समय निकालें, जब आपके पास समय होगा मुझे बता दें। हम दोनों साथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने जाएंगे। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा, मैं तो चल ही पड़ूंगा।
सुक्खू ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की उम्मीद नहीं की जा सकती। आपदा से 500 से अधिक लोगों की जानें गई हैं। इसके अलावा प्रदेश को 9,905 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसका आकलन कर 23 सितंबर को केंद्र सरकार को भेजा था।
सरकार की तरफ से राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) से अंतरिम राहत के रूप में 200 करोड़ रुपये 16 सितंबर को जारी हुए। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार नुकसान के किए आकलन के आधार पर न्यूनतम दर पर भी राहत राशि देती तो यह 1,658 करोड़ रुपये होती, लेकिन प्रदेश को केवल 633.73 करोड़ रुपये की राशि 19 दिसंबर को स्वीकृत हुई, जिसमें से 200 करोड़ रुपये पहले ही अंतरिम राहत के रूप में मिले हैं।
यह राशि सभी जिलों व संबंधित विभागों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार की तरफ से 19 दिसंबर को केवल 397.98 करोड़ रुपये मिले, जो प्रदेश में हुए नुकसान का केवल 6.40 प्रतिशत है।
सुक्खू ने कहा कि इससे पहले कुछ वर्षों में बरसात में हुए नुकसान के कारण जो मदद मिली है, वह अधिक है। वर्ष 2018-19 में 2099.42 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर 396.89 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 1551.26 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर 348.46 रुपये तथा वर्ष 2020-21 में 865.19 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर 120.21 करोड़ रुपये मिले।
इसके बावजूद वर्ष 2023-24 में 9,905.77 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर सिर्फ 633.73 करोड़ रुपये मिले हैं। प्रदेश सरकार को 2,000 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की उम्मीद थी और इस बारे में विधानसभा ने भी प्रस्ताव पारित किया था।
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