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Palampur News: दवाइयों की गुणवत्ता में आई कमी के लिए भ्रष्टाचारी व अधिकारी जिम्मेवार- पूर्व मंत्री शांता कुमार

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश दवाइयां बनाने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। भारत की बनाई गई जेनेरिक दवाइयां कई गरीब देशों में भेजी जाती है। इसी को देखते हुए भारत सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश में दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं बल्क ड्रग पार्क तथा मेडिकल डिवाइस नाम से लगाई जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 19 Jul 2023 06:05 PM (IST)
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पूर्व मंत्री शांता कुमार ने कहा- दवाइयों की गुणवत्ता में आई कमी के लिए भ्रष्टाचारी व अधिकारी जिम्मेवार

पालमपुर, संवाद सहयोगी: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत का सौभाग्य है कि दवाई उद्योग में भारत विश्व में अग्रणीय है। जैनरिक दवाई बनाने की दृष्टि से भारत को विश्व की फार्मेसी कहा जाता है। जैनरि kक दवाई गुणवत्ता में पूरी परन्तु बहुत सस्ती होती है।

गरीब देशों में भेजी जाती है भारत की दवाइयां

विश्व के बहुत से छोटे गरीब देश भारत की बनी जेनेरिक दवाई खरीदते हैं और भारत का धन्यवाद करते हैं। भारत करोड़ों रुपए की दवाई प्रतिवर्ष निर्यात करता है। लाखों लोग इस उद्योग में लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह और भी सौभाग्य की बात है कि देश के इस उद्योग का 40 प्रतिशत उत्पादन हिमाचल प्रदेश में होता है। इसी बात को देख कर भारत सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश में दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं ,बल्क ड्रग पार्क तथा मेडिकल डिवाइस नाम से लगाई जा रही है।

योजनाओं को बिगाड़ने में लगे हैं भ्रष्टाचारी

हिमाचल पहले से ही देश के पूरे उत्पादन का 40 प्रतिशत उत्पादन करता है। इन दो नई योजनाओं से हिमाचल को पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी, हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। शांता कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि एक तरफ हिमाचल को इस महत्वपूर्ण उद्योग को दो नई योजनाएं देकर भारत सरकार और अधिक महत्वपूर्ण बना रही है और दूसरी तरफ कुछ भ्रष्टाचारी तथा कुछ सरकारी अधिकारी इस योजना को बिगाड़ने में लगे हैं।

पूरे देश की 292 दवाईओं के सैंपल फेल

उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में पूरे देश की 292 दवाईओं के सैंपल फेल हुए। इनमें 93 दवाईयां हिमाचल प्रदेश की है। कुछ समय पहले हिमाचल प्रदेश की बनी दवाईओं से दुनिया के कुछ देशों में बहुत से लोगों की मौत हो गई थी। हिमाचल प्रदेश में 22 दवाई के उद्योग ऐसे है, जिनकी दवाईयों के सैंपल बार-बार फेल होते हैं। लाइसेंस रद कर दिया जाता है और कुछ दिन के बाद लाइसेंस फिर दे दिया जाता है।

उद्योगों को नष्ट करने की हो रही कोशिश

उन्होंने कहा कि हिमाचल की दवाईओं के फेल होने के समाचार वर्षो से आ रहे हैं परंतु किसी अपराधी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का समाचार पढ़ने को नहीं मिला। उन्होंने कहा अभी-अभी हिमाचल के उद्योग की 55 लाख रुपए की फर्जी दवाईयां पकड़ी गई और उद्योग का मालिक फरार है। शांता कुमार ने कहा हिमाचल के एक उभरते उद्योग को इस प्रकार नष्ट करने की कोशिश करने में सबसे अधिक जिम्मेदार उन सरकारी अधिकारियों को समझता हूं, जिन्होंने अपराधियों को सख्त सजा नहीं दिलवाई।

डर के बिना कभी कोई कानून लागू नहीं होता । उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से विशेष आग्रह किया है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले में रूचि लेकर प्रदेश के बढ़ते हुए उद्योग को नष्ट करने की कोशिश को तुरंत समाप्त करें।