पूरे हिमाचल में अवैध मस्जिदों के खिलाफ मोर्चा, हिंदू युवक पर हुए हमले ने खोल दी पूरे समाज की आंखें, जंग पर उतर गए लोग
हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद विवाद ने पूरे राज्य में आग लगा दी है। मंडी कुल्लू कांगड़ा हमीरपुर सिरमौर ऊना सहित कई जिलों में हिंदू समाज ने अवैध मस्जिदों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला के मल्याणा में एक हिंदू युवक पर हुए हमले के बाद से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन अब पूरे राज्य में फैल गया है।
जागरण संवाददाता, शिमला। मुस्लिम समुदाय के युवकों के हिंदू समुदाय के युवा पर किए हमले की से निकली चिंगारी ने पूरे हिमाचल में जागरुकता की लौ जला दी। अब पूरे हिमाचल में जहां-जहां मस्जिद अवैध तरीके से बनी है, उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है।
यह चिंगारी शिमला के मल्याणा से एक सितंबर को उठी, मलयाना में मुस्लिम समाज के युवकों ने जब हिंदू समाज के व्यक्ति पर तेजधार हथियार से हमला किया तो उसके बाद हिंदू संगठन इकट्ठे हुए स्थानीय लोगों को उनके साथ मिला। स्थानीय लोगों के दम पर अब कई संस्थाएं भी इसमें जुड़ गई हैं।
अवैध ढांचे को गिराने की मांग
इस आंदोलन को आगे बढ़ाया गया। इसी दिन संजौली की मस्जिद की घेराबंद करते हुए इसके अवैध ढांचे को गिराने की मांग पहली बार उठी। इस आंदोलन में सबसे पहले देवभूमि संगठन के रुमित ठाकुर ने संजौली चलो की कॉल दी। इसके बाद इसमें स्थानीय हिंदू समाज के लोग भी जुड़े और एक बड़ा धरना संजौली और चौड़ा मैदान में किया गया।
चिंगारी जागरूकता की लौ बन गई
इसके बाद शिमला के हिंदू संगठनों ने एक और कॉल दी और एक विराट धरना संजौली में किया। इसमें हिंदू संगठनोंके साथ स्थानीय लोग भी पूरी तरह से सक्रिय है। इसी तरह से यह चिंगारी जागरुकता की लौ बन गई। शिमला के नेरवा, चौपाल सुन्नी से लेकर मंडी कुल्लू , कांगड़ा, हमीरपुर , सिरमौर के बाद अब ऊना में इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसमें लोगों ने अवैध रूप से बन रही मस्जिदों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जंग पर उतरे लोग
राजधानी में संजोली की मस्जिद की जंग अभी खत्म नहीं हुई है। यह मामला 5 अक्टूबर को फिर से नगर निगम के कोर्ट में सुनवाई के लिए लगा हुआ है। इससे पहले 28 सितंबर को फिर से हिंदू समाज ने राज्य भर हर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन की तैयारी की है। साथ ही पांच को फैसला हिंदू समाज के पक्ष में नहीं आता तो जेल भरो आंदोलन को शुरू करने की भी तैयारी है।
क्यों नाराज है शहर की जनता
हिमाचल में हिंदू और मुसलमान सदियो से साथ रहते आ रहे हैं। मुसलमानों की संख्या भले ही यहां कम थी, लेकिन वह पूरे व्यवहार और शिष्टाचार के साथ समाज में रहते थे। पिछले कुछ समय से बाहर से आ रहे लोगों के सत्यापन न होने के कारण संजौली सहित शहर के कई क्षेत्रों में उनकी संख्या बढ़ रही थी।
इसलिए लोग के बीच में गुस्सा भी पनप रहता है , यह गुस्सा मल्याणा की हिंसा के बाद फूट गया। ये लोग बिना किसी अनुमति के दुकानें भी लगा रहे हैं, ये भी नाराजगी का कारण है।
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