Himachal Apple News: हिमाचल में सेब खरीद में हुआ बड़ा बदलाव, अब बोरियों के जरिए नहीं करेट में होगी खरीददारी
हिमाचल प्रदेश में सेब की खरीद में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत सेब की खरीद करेट में होगी। इससे सेब की गुणवत्ता में सुधार होगा और किसानों को भी बेहतर दाम मिलेंगे। इस साल 21 हजार 326 मीट्रिक टन सेब एमआईएस के तहत खरीदा गया है जो पिछले साल के मुकाबले काफी कम है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Apple Price: मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत सेब की खरीद अब करेट में होगी। एचपीएमसी सी ग्रेड सेब की खरीद करता है। अभी तक यह सेब बोरियों के माध्यम से खरीदा जाता है। अगले साल से करेट में इसके बेचने की व्यवस्था होगी।
एचपीएमसी का कहना है कि बोरियों में लोग खराब व गला सड़ा सेब भी भर देते हैं। बोरियों में कई दिनों तक सेब पड़ा रहने से यह खराब भी हो जाता है।
जूस बनाने के लिए यह सेब इस्तेमाल होता है। खराब सेब होने के चलते एचपीएमसी को ही नुकसान होता है। वहीं बोरियों की खरीद पर भी खर्च आता है।
एचपीएमसी खुद बागवानों को करेट मुहैया करवाएगा। जहां पर भी कलेक्शन सेंटर होंगे वहां पर करेट दी जाएगी। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। करेट खरीद के लिए एचपीएमसी को 50 लाख की राशि भी जारी कर दी गई है।
इस साल भी सी ग्रेड का सेब करेट में खरीदने की शुरूआत की गई थी, लेकिन पूरी तरह से इसे लागू नहीं किया जा सका। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि एचपीएमसी के माध्यम से बागवानों को करेट दी जाएंगी और उन्हीं करेट को बाद में वापिस ले लिया जाएगा।
यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था के बाद दूसरा बड़ा बदलाव
सरकार ने मंडियों में सेब बेचने के लिए यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था की थी। इसमें बागवानों को अच्छे दाम मिले थे। अब सी ग्रेड सेब जो एचपीएमसी व हिमफैड खरीदता है वह करेट के माध्यम से ही खरीदा जाएगा। यह भी बड़ा बदलाव है।
इस साल कम सेब मिला
एमआईएस योजना के तहत इस साल 21 हजार 326 मीट्रिक टन सेब एमआईएस के तहत खरीदा गया है।वर्ष 2023 में अब तक 37 हजार 450 मीट्रिक टन सेब खरीदा गया था। 2022 में 54,305 मीट्रिक टन सेब खरीदा गया था। एचपीएमसी ने इस बार 200 कलेक्शन सेंटर खोले हैं। पिछले साल 204 सेंटर थे वहीं 2022 में 174 सेंटर खोले गए थे।
यह भी पढ़ें- Shimla Masjid Vivad Row: 'बाहरी लोग हिमाचल के लिए खतरा', कंगना रनौत का मस्जिद विवाद पर बयान; सरकार को सुनाई खरी-खरी