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Kasumpti Masjid Controversy: कसुम्पटी में माहौल शांत, 50 लोगों ने पढ़ी जुमे की नमाज; नहीं हुआ कोई प्रदर्शन

हिमाचल Himachal Masjid Vivad में इन दिनों अवैध मस्जिदों को लेकर विवाद हो रहा है। इस बीच शिमला के कसुम्पटी मस्जिद में शुक्रवार को पुलिस की सुरक्षा में नमाजियों ने नमाज अदा की। स्थानीय लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन की धमकी के बाद पुलिस ने भारी सुरक्षा बल तैनात किया था। नमाजियों को पहचान पत्र दिखाने के बाद ही नमाज स्थल पर जाने की अनुमति दी गई।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 20 Sep 2024 02:46 PM (IST)
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कसुम्पटी में नमाज स्थल पर जाने वाले नमाजियों का पहचान पत्र चेक करते पुलिसकर्मी।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल अवैध मस्जिदों को लेकर हो रहे विवाद के बीच शुक्रवार को पुलिस के सुरक्षा में नमाजियों ने कसुम्पटी मस्जिद में नमाज अदा की। पुलिस के पहरे की वजह से स्थानीय लोगों की ओर से कोई प्रदर्शन नहीं किया गया।

संदिग्धों से पुलिस ने की पूछताछ

राजधानी शिमला के कसुम्पटी में नमाजियों ने भारी पुलिस बल के सुरक्षा में जुम्मे की नमाज अदा की। नमाजियों को पहचान पत्र दिखाने के बाद ही नमाज स्थल पर जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान करीब 50 लोगों ने नमाज अदा की।

स्थानीय लोगों द्वारा कसुम्पटी में नमाज अदा करने पर आंदोलन की धमकी के बाद यहां पर पुलिस बल तैनात किया गया था। सुबह 10 बजे से ही शिमला पुलिस, बटालियन और केंद्रीय सशत्र बलों के जवान यहां पर तैनात थे। इसके अलावा कसुम्पटी बाजार में भी पुलिस की गश्त थी। हर आने जाने वालों पर पुलिस की नजर थी और संदिग्ध दिख रहे लोगों से भी पूछताछ की जा रही थी।

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स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन की दी थी धमकी

दोपहर बाद 12:30 बजे के बाद नमाजी पहुंचना शुरू हुए। इस दौरान पुलिस ने इनके पहचान पत्र की जांच की उसके बाद ही इन्हे नमाज अदा करने के लिए नमाज स्थल पर जाने दिया गया। करीब एक बजे तक नमाजी पहुंचते रहे।

वहीं, दूसरी ओर माहौल शांत बना रहा। स्थानीय लोगों की ओर से कोई प्रदर्शन नहीं किया गया। बता दें कि कसुम्पटी वार्ड की पार्षद रचना शर्मा, पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा सहित स्थानीय लोगों ने डीसी शिमला अनुपम और नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री कश्यप को ज्ञापन सौंपा था।

इस दौरान इन्होंने चेताया था कि अगर शुक्रवार को यहां पर नमाजी नमाज पढ़ने आते है, तो फिर आंदोलन किया जाएगा। लेकिन प्रशासन और पुलिस से पहचान पत्र वालों को प्रवेश करने की अनुमति देने के बाद स्थानीय लोगों की ओर से कोई प्रदर्शन नहीं किया गया।

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