यहां जागकर कट रही है लोगों की रातें, सुध लेना वाला भी कोई नहीं
राजधानी शिमला में भूस्खलन के कारण लोग दहशत में जी रहें हैं इस खतरे के चलते 12 परिवारों ने अपने रिहायशी भवन खाली कर दिए हैं।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 09:31 AM (IST)
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला के न्यू शिमला में भूस्खलन के कारण चार भवनों को खतरा पैदा हो गया है। इससे भवन में रह रहे परिवार खतरे के साये में जी रहे हैं। 12 परिवारों ने अपने रिहायशी भवन खाली कर दिए हैं। न्यू शिमला निवासी धर्मवीर के दो मंजिला भवन की नींव तक भूस्खलन हो चुका है। इससे घर के अंदर जाने का रास्ता भी बंद हो चुका है। घर के पीछेदो पेड़ पहले ही गिर चुके हैं, जबकि एक पेड़ गिरने के कगार पर है और कभी भी धराशायी हो सकता है। डोगरा निवास के चार मंजिला भवन को किरायेदार समेत मालिक ने खाली कर दिया है। भवन के आगे सड़क है जो पूरी तरह धंस गई है।
निति बधानिया का दो मंजिला मकान भी भूस्खलन के कारण खतरे की जद में आ गया है। बलजीत कुमार के मकान को भी खतरा बना है, जिसे खाली कर दिया है। भूस्खलन का कारण न्यू शिमला थाने से जेसीबी पब्लिक स्कूल तक बना नाला है। बरसात के कारण नाले में पानी बढ़ गया और नाला पक्का न होने के कारण भू-कटाव से भू स्खलन हो गया।
बच्चों को स्कूल भेजना हुआ मुश्किल
बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है। भवनों में अंदर जाने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। स्थानीय
निवासी बलजीत कुमार ने बताया कि चार भवनों को भूस्खलन के कारण खतरा बना हुआ है। 12 परिवार तो भवन को खाली कर चुके हैं, लेकिन जो लोग भवनों में रह रहे हैं वे रातें जाग कर गुजार रहे हैं।
नगर निगम ने शिकायत के बाद भी नहीं ली सुध
प्रभावित परिवारों ने नगर निगम को इसकी शिकायत लिखित भेजी थी। लेकिन नगर निगम की ओर से
कोई कार्रवाई नहीं की गई। लोग बेघर होकर रह गए हैं। ऐसे में उन्हें रिश्तेदारों और आस-पड़ोस में आश्रय लेना पड़ रहा है। इसके बाद भी नगर निगम कोई सुध नहीं ले रहा है।
चिंताजनक: महिलाओं में स्क्रब टायफस का खतरा अधिक, शोध से पता चला इसका कारण
संपर्क कटने से सेब खराब होने की कगार परजुब्बल-नावरकोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने जारी बयान में कहा है कि उत्तराखंड की सीमावर्ती जुब्बल तहसील के खनाशनी क्षेत्र की पंचायत गिल्टाड़ी व झाल्टा में दो सप्ताह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। बारिश के बाद से यहां पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। सड़कों की खस्ता हालत है और क्षेत्र का संपर्क कट गया है। लोगों को बिजली और पानी के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। रोहित ने कहा कि खनाशनी क्षेत्र की सड़कें न खुलने से लोगों को सेब खराब होने का डर सताने लगा है। रोहित ठाकुर ने सरकार से गिल्टाड़ीकटींडा, झाल्टा, धानसर व खरशाल सड़क संपर्क मार्ग, रास्तों व पुलों के लिए समुचित धनराशि का प्रावधान करने की मांग की है।हिमाचल की अन्य खबरें पढऩे के लिए यहां क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।