Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jammu Kashmir : तवी नदी में खनन पर छह साल से लगी रोक खत्म, जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने दिया राहत भरा फैसला

Mining In Jammu River Tawi कमेटी ने यह भी कहा था कि पिछले पांच वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से खनन न होने के कारण धोंथली स्थित शितली पावर प्लांट भी प्रभावित हो रहा है और गर्मी में यहां से पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 12:09 PM (IST)
Hero Image
बाढ़ आने की सूरत में किनारों पर बसे लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।

जम्मू, जेएनएफ : छह साल पहले तवी नदी में खनन पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध को अब हटा लिया गया है। एक जनहित याचिका की सुनवाई में जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट ने इस संबंध में फैसला दे दिया है। साथ ही सरकार को तवी में खनन करने के लिए नियमानुसार ठेके जारी करने की अनुमति दे दी है।

तवी नदी के किनारों पर अतिक्रमण रोकने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट ने 17 नवंबर, 2016 को खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद से भवन और अन्य निर्माण के लिए सामग्री के लिए जम्मू शहर आसपास के जिलों पर निर्भर हो गया था। अब इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की बेंच में शामिल चीफ जस्टिस पंकज मित्थल व जस्टिस संजय धर ने 17 नवंबर 2016 के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि सरकार को नियमानुसार तवी नदी से खनन की अनुमति देने की पूरी छूट दी जाती है।

तवी नदी से अवैध खनन को लेकर आशीष शर्मा व अन्य ने हाईकोर्ट में केस दायर किया था। इन छह वर्षों में रेत, बजरी व पत्थर के अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए, लेकिन अवैध खनन जारी रहा। इस पूरे मामले पर गौर करने के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार की ओर से 2021 में एक कमेटी भी गठित की गई। इस रिपोर्ट में बताया कि इसमें कोई दो राय नहीं कि तवी नदी से अवैध खनन हो रहा है। यह भी बताया गया कि अवैध खनन पर प्रतिबंध के चलते कुछ इलाकों में तवी का भू-स्तर भी बढ़ गया है और कुछ जगह अधिक रेत-बजरी व पत्थर जमा होने से पानी की धारा भी बदली है। बाढ़ आने की सूरत में किनारों पर बसे लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।

कमेटी ने यह भी कहा था कि पिछले पांच वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से खनन न होने के कारण धोंथली स्थित शितली पावर प्लांट भी प्रभावित हो रहा है और गर्मी में यहां से पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा नदी के कीमती खनिज पानी के बहाव के साथ पाकिस्तान जा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खनन नियमों में 2016 में संशोधन हो चुका है और सभी एनओसी के साथ ई-नीलामी का प्रविधान है। इससे निष्पक्षता से ठेके दिए जा सकते हैं। इन तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट खनन पर लगी रोक को हटाने का आदेश दे दिया।

तीन गुना बढ़ गए थे दाम : तवी नदी से खनन पर रोक के कारण जम्मू जिले में रेत, बजरी व पत्थर के दाम तीन गुना तक बढ़ गए थे। पहले जो खनन सरकारी ठेके पर होता था, वह चोरी-छिपे होने लगा था। अब खनन पर रोक हटने से आम लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

सालाना 100 से 150 करोड़ राजस्व होगा प्राप्त : भूगर्भ एवं खनन विभाग की ओर से तवी नदी को 32 ब्लाक में बांटा गया है। अब ई-नीलामी के दौरान हर ब्लाक के लिए तीन से पांच करोड़ रुपये तक की बोली लगने की उम्मीद है। जम्मू में पिछले छह सालों से यह नीलामी नहीं हुई है। अंतिम बार जब नीलामी हुई थी तो तवी नदी का कुछ हिस्सा सैन्य क्षेत्र में था जिसके लिए विभाग ने नीलामी नहीं की थी। अब विभाग को पूरी तवी नदी से खनन का ठेका देने का अधिकार है। इन पिछले छह सालों में महंगाई दर भी बढ़ी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार छह साल पहले तक जो राजस्व प्राप्ति 30 से 50 करोड़ रुपये के आसपास थी, वह अब 100 से 150 करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना है।