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Jammu: स्मार्ट मीटर लगने के साथ निजीकरण की ओर बढ़ने लगा बिजली विभाग, अब लाइनमैन भी ठेके पर रखेगा निगम

जम्मू व कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रहा है। स्मार्ट मीटर लगने के साथ बिजली सप्लाई व्यवस्था को निजी कंपिनयों को सौंपने की तैयारियां की जा रही है। सरकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि आने वाले दिनों में बिजली निगम में कोई स्थायी नियुक्ति नहीं होगी। सभी जिम्मेदारियां निजी हाथों में होंगी।

By rahul sharmaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 14 Jul 2023 04:11 PM (IST)
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Jammu: स्मार्ट मीटर लगने के साथ निजीकरण की ओर बढ़ने लगा बिजली विभाग

जम्मू, जागरण संवाददात। जम्मू व कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड धीरे-धीरे निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रहा है। स्मार्ट मीटर लगने के साथ बिजली सप्लाई व्यवस्था को निजी कंपिनयों को सौंपने की तैयारियां की जा रही है। आने वाले दिनों में आपके क्षेत्र में बिजली लाइनों की मरम्मत का काम भी निजी कंपनियों द्वारा तैनात किए गए लाइनमैन करेंगे। इसके लिए बिजली निगम ने टेंडर भी आमंत्रित कर लिए हैं। अगले महीने तक प्रशासन इसके लिए विभिन्न एजेंसियों को नियुक्त कर लेगी। एक सब डिवीजन के अधीन करीब 80 से 100 लाइनमैन काम करेंगे।

बिजली निगम में होंगी कई स्थायी नियुक्तियां

सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि आने वाले दिनों में बिजली निगम में कोई स्थायी नियुक्ति नहीं होगी। आने वाले कुछ वर्षों में बिजली निगम की जिम्मेदारी पूरी तरह से निजी कंपनियों के हवाले कर दी जाएगी। फिलहाल अभी तक बिजली निगम का मौजूदा फील्ड स्टाफ केवल निगरानी का काम करेगा। लोगों की शिकायतों को सुन एजेंसी के सहयोग से उसे दुरुस्त करवाना सब डिवीजन इंचार्ज व उसके अधीन काम कर रहे जूनियर इंजीनियरों का होगा।

ठेके पर नियुक्त किए जाएंगे लाइनमैन

बिजली निगम मौजूदा समय में भी लाइनमैन की कमी से जूझ रहा है। एक सब डिवीजन में एक या फिर दो ही स्थायी लाइनमैन काम कर रहा है। इन पदों को भरने की काफी देर से मांग की जा रही थी। प्रशासन ने इसका स्थायी हल यह निकाला है कि उन्होंने लाइनमैनों की स्थायी नियुक्ति के बजाय बिजली ढांचे की मरम्मत का काम भी निजी कंपनियों को सौंपने का निर्णय ले लिया है।

इसके लिए टेंडर भी आमंत्रित कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक सब डिवीजन में 80 से 100 लाइनमैन नियुक्त किए जाएंगे और इसके एवज में बिजली निगम एजेंसी को प्रति लाइनमैन न्यूनतम वेतन एक्ट के तहत भुगतान करेगी।

मीटर रीडिंग का काम पहले ही निजी कंपनी के पास

इलेक्ट्रानिक मीटर लगने के दौरान ही प्रशासन ने जम्मू व कश्मीर में दो डाटा सेंटर स्थापित कर दिए थे। लाइनमैन व मीटर रीडर द्वारा ली जाने वाली मीटर की रीडिंग इन सेंटरों में भेजी जाती थी। जिसके बाद संबंधित डिवीजनों-सब डिवीजनों में फाइन बिल भेजे जाते थे।

बिल प्रिंटिंग का काम संबंधित डिवीजन-सब डिवीजनों में ही होता है। परंतु अब जहां-जहां स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, वहां मीटर रीडिंग लेने का काम भी खत्म हो गया है। मीटर की रीडिंग स्वयं डाटा सेंटर चली जाती है, जहां से बिल तैयार कर डिवीजनों में भेज दिए जाते हैं। जम्मू व कश्मीर में 22 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं, ऐसे में स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडिंग का काम भी बंद कर दिया जाएगा। फिलहाल जहां-जहां इलेक्ट्रानिक मीटर लगे हैं, वहां से रीडिंग बिजली कर्मी ही लेंगे।

पोस्ट आफिस से मिलेंगे बिजली बिल

स्मार्ट मीटर लगने के बाद करीब तीन लाख से अधिक उपभोक्ता सीधे अपने मोबाइल एप पर ही मीटर रीडिंग प्राप्त कर रहे हैं। प्रीपेड बिजली प्रणाली लागू होने के बाद यह सिस्टम भी बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद यह उपभोक्ताओं पर होगा कि वह अपना मीटर कितने रुपये में रिचार्ज करवाना चाहता है।

हां, जिन इलाकों में इलेक्ट्रानिक मीटर लगे हैं, वहां उपभोक्ताओं को भेजे जाने वाले कंप्यूटराइज बिल पोस्टमैन की मदद से भेजे जाएंगे। यह प्रक्रिया अगस्त से आरंभ कर दी जाएगी। यह काम भी बिजली निगम के कर्मचारियों से ले लिया जाएगा।

आर्थिक तौर पर मजबूत होगा बिजली निगम

प्रीपेड स्मार्ट मीटर बिजली निगम को आर्थिक तौर पर मजबूती प्रदान करेगा। बिजली बिल वसूली के लिए विभाग को उपभोक्ताओं के पास बार-बार नहीं जाना पड़ेगा। पिछले वर्षों की बात करें तो आम उपभोक्ताओं पर करोड़ों रुपये की बकायेदारी है।

एमनेस्टी योजना के बाद यह बकायेदारी कम करने के बाद भी काफी उपभोक्ताओं ने इसे चुकता नहीं किया। जहां तक पोस्ट आफिस से बिजली बिल भेजने, ठेके पर लाइनमैन नियुक्त करने की बात है तो इससे आम उपभोक्ताओं को लाभ ही मिलेगा। यही नहीं इस प्रणाली में बंधे 1400 से अधिक बिजली कर्मी बिजली सप्लाई ढांचे को दुरुस्त करने, लोगों की शिकायतों को समय पर हल करने में मददगार साबित होंगे।