Reasi Terror Attack: आतंकियों के लिए सभी रास्ते बंद! रियासी में आसान नहीं शरण, जंगलों से लेकर पहाड़ों तक हर जगह सेना का जाल
Reasi Terror Attack रियासी और कठुआ-डोडा अटैक के बाद से सेना ने आतंकियों को चुन-चुन कर मारना शुरू कर दिया है। बीते दिन कठुआ के हीरानगर में आंतकी हमला हुआ। जिसके बाद सेना हरकत में आई और आज ऑपरेशन के दौरान सेना ने दूसरे आंतकी को भी मार गिराया। वहीं इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी शहीद हुआ
राजेश डोगरा, रियासी। शिवखोड़ी यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद से पुलिस व सुरक्षा बल ने आतंकियों की खोज में बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों से जुटाई जानकारी के आधार पर बनाया गया आतंकियों का स्केच जारी कर उनकी सूचना देने पर 20 लाख रुपए इनाम की घोषणा भी की गई है।
राजौरी से लगते रियासी जिला के सीमावर्ती इलाकों से लेकर वारदात स्थल के आसपास व अन्य क्षेत्रो में खोज अभियान के अलावा माहौर क्षेत्र में अलर्ट है। लगभग दो दर्जन लोगों से पूछताछ की जा रही है जबकि खोजी कुत्तों और तकनीक के अलावा मानवीय सूत्रों सहित अन्य संसाधनों से आतंकियों की खोज की जा रही है।
आतंकियों को नहीं मिलेगी पनाह
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आतंकी रियासी या फिर राजौरी जिला में ही किसी स्थान पर छिप गए हैं। इसमें अधिक संभावना राजौरी जिला क्षेत्र में जताई जा रही है। उसकी कुछ वजहें और उदाहरण भी हैं।आतंकियों के लिए किसी वारदात को अंजाम देने या फिर शरण लेने में स्थानीय स्तर पर मददगारों की जरूरत होती है। उन्हें अब रियासी जिले मे शरण मिलना आसान नहीं है। इसका उदाहरण वह घटनाएं हैं जब आतंकियों ने लोगों से शरण मांगी जो उन्हें नहीं मिली और आतंकी पकड़े या फिर मारे गए।
साल 2022 के जुलाई को टुक्सन में एक ढोक में हथियारों और भारी असलहों से लैस दो आतंकी घुस आए थे। जिनसे बहादुर ग्रामीण निहत्थे ही भिड़ गए थे और दोनों को बांधकर पुलिस को सूचित कर दिया।
इसके बाद पुलिस व सुरक्षा बलों ने दोनों को हिरासत में ले लिया। इनमें लश्कर कमांडर तालिब हुसैन शाह निवासी दराज बुधल जिला राजौरी और फैजल अहमद डार निवासी पुलवामा कश्मीर शामिल था।
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