लुभा रहा चतरा का बलबल गर्म जलकुंड, मकर संक्रांति पर उमड़ती है भीड़; यहां नहाने से चर्म रोग ठीक होने की मान्यता
गिद्धौर के पर्यटन स्थलों में अहम स्थान रखने वाला बलबल गर्म जलकुंड की मनोरम वादियां सैलानियों को बुला रही है। वैसे तो यहां सालों भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन एक जनवरी और मकर सक्रांति के अवसर पर सैलानियों का हुजूम उमड़ता है। मकर संक्राति के मौके पर यहां दस दिवसीय मेला का भी आयोजन किया जाता है।
संवाद सहयोगी, गिद्धौर(चतरा)। चतरा में गिद्धौर प्रखंड के पर्यटन स्थलों में अहम स्थान रखने वाला बलबल गर्म जलकुंड की मनोरम वादियां पर्यटकों को बुला रही है। वैसे तो यहां सालों भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है, परंतु एक जनवरी व मकर सक्रांति के अवसर पर यहां सैलानियों का हुजूम उमड़ता है।
मकर संक्राति के अवसर पर लगता है मेला
मकर संक्राति के अवसर पर तो यहां दस दिवसीय मेला का भी आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से लोग मेला का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं। चट्टानों के बीच से कलकल कर बहती महाने नदी और गर्म जलकुंड लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। इस मार्ग से गुजरने वाले लोग बरबस ही खिचे चले आते हैं। नदी में पड़ी चट्टान इसके मनोरम दृश्य को और निखार रही है।
चट्टानों के बीच में कलरव करते पक्षियों को देखकर ऐसा मालूम पड़ता है, जैसे प्रकृति ने यहां कूट-कूट कर सौंदर्यता भर दी है। नदी के किनारे ही मां बागेश्वरी का मंदिर है। इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था है।
लोग बताते हैं कि माता के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की हर प्रार्थना स्वीकार होती है। मंदिर के समीप ही गर्म जलकुंड स्थित है, जिससे प्रतिदिन गर्म पानी निकलता है। लोग गर्म जलकुंड में स्नान करने भी पहुंचते हैं। लोगों की मान्यता है कि इस जलकुंड के पानी से नहाने के बाद सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
कैसे पहुंचे बलबल
जिला मुख्यालय से पूरब में स्थित बलबल गर्म जलकुंड तक पहुंचने का एकमात्र साधन सड़क मार्ग है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 30 किलोमीटर है, जबकि प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग से भी दूरी 35 किलोमीटर है। वहीं, चौपारण से दक्षिण दिशा की ओर 55 किलोमीटर की दूरी तय कर यहां तक पहुंचा जा सकता है, जबकि प्रखंड मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूर बलबल गर्म जलकुंड तक पहुंचा जा सकता है।