झारखंड हादसा: 15 माह में 3 इंच से 30 फीट हुई दरार, तीन की मौत से पहले बेघर हो चुके 40 परिवार; सोती रही सरकार
धनबाद में रविवार को गोंदुडीह कोलियरी के पास 3 महिलाएं गोफ में समा गई। इस हादसे से क्षेत्र के लोग काफी दहशत में है। उनका कहना है आउटसोर्सिंग परियोजना के बने गोफ का दायरा धोबी कुल्ही की बस्ती तक पहुंच चुका है। मात्र 15 माह में 3 इंच की दरार 30 फीट की हो चुकी है। इसमें 40 मकान भी जमीदोंज हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले में रविवार को गोंदूडीह कोलियरी के पास तीन महिलाएं एक गोफ में समा गई। इस घटना से धोबी कुल्ही बस्ती में पूरी तरह से सहम गई है। डर है कि अब अगर धरती फटी तो काल का ग्रास कोई भी बन सकता है।
रविवार के हादसे के बाद से ग्रामीण उस पल को कोस रहे हैं, जब पहली बार बस्ती के मैदान में महज तीन इंच की दरार हुई थी। यह बात महज 15 माह पुरानी है।
12 से 30 फीट तक की हो चुकी है दरार
इतने दिनों के बीच धरती ने अपने दरार का दायरा ऐसा बढ़ा दिया कि 3 इंच की दरार अब 12 से 30 फीट तक की हो चुकी है। गौरतलब है कि इस दरार में अब तक 40 मकान समा हो चुके हैं।
इसके बाद भी धनबाद जिला प्रशासन, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और राजनेताओं की चुप्पी से ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि यही हाल रहा तो न मकान बचेंगे और ना ही लोग।
गोफ से लेकर बस्ती के बीच तक दरार
दरअसल, गोंदूडीह कोलियरी के जिस ट्रांसपोर्टिंग रोड पर रविवार को गोफ बनने की घटना हुई। उसका दायरा धोबी कुल्ही बस्ती के बीच तक है। घटना स्थल के पास इसकी चौड़ाई 10 से 12 फीट की है, जबकि बस्ती के बीच में यह 30 फीट तक चौड़ी है। इसके अंदर कई घर गिर चुके हैं।
गांव के महेश रजक ने बताया कि पहली बार जब मैदान में तीन इंज की दरार पड़ी थी, तब से लेकर अब तक सैकड़ों बार बीसीसीएल और जिला प्रशासन को सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पत्र दिया जा चुका है।
बस्ती से निकलना चाहते हैं लोग
लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ, जिन लोगों के मकान जमींदोज हुए, उनमें से 30 लोगों को किराए का कमरा मिला, लेकिन अब भी 110 परिवार इसी भय के साए में जीवन काट रहे हैं।
बौआ कला पंचायत का धोबी कुल्ही बस्ती 146 घर और करीब 700 की आबादी वाला एक छोटा सा गांव है। गांव से सट कर ही बीसीसीएल के गोंदूडीह खास कुसुंडा कोलियरी के एक खुली खदान में आउटसोर्सिंग कंपनी हिल टाप कोयला उत्खनन कार्य करती है।
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गोफ से निकला आधा अधूरा शव
बस्ती और खदान के बीच में केवल एक ट्रांसपोर्टिंग रोड है। इसी रोड के बीचो-बीच गोफ बनने की घटना विश्वकर्मा पूजा के दिन यानी रविवार को हुई, जिसमें तीन महिलाएं गिर गई। एक महिला का शव तो आधा अधूरा शव टुकड़ों में निकाला जा सका।
गांव के संतोष कुमार रजक ने कहा कि बीसीसीएल और जिला प्रशासन तत्काल उन्हें सुरक्षित जगह दे। उन्हें कंपनी के खाली पड़े क्वाटरों में बसाया जाए।
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घटना दुखद है। जमींदोज महिलाओं को निकालने के साथ ही बीसीसीएल और जिला प्रशासन प्राथमिकता के तौर पर धोबी कुल्ही के लोगों को बसाने का काम करे। पहले विस्थापन और पुर्नवास हो, ताकि आगे किसी की जान न जाए। - मथुरा प्रसाद महतो, विधायक टुंडी