Tata Steel : दूसरे विश्वयुद्ध में टाटा स्टील ने बनाई थी बख्तरबंद कार, खूबियां जान आप भी दंग रह जाएंगे
Tata Steel टाटानगर बख्तरबंद कार देश की पहली और एकमात्र स्वदेशी बख्तरबंद वाहन है। जिसका उपयोग दूसरे विश्व युद्ध के समय अफ्रीका की लड़ाई में हुआ था। बमबारी के दौरान ये बख्तरबंद कार दूसरे कार की तुलना में काफी सुरक्षित है।
जमशेदपुर : हम सभी जानते हैं कि देश में औद्योगिक क्रांति की नींव रखने वाली कंपनी टाटा स्टील है जिसने वर्ष 1907 में छोटानागपुर के साकची जैसे छोटे से स्थान पर टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की नींव रखी थी। आज इसका नाम टाटा स्टील है और निजी क्षेत्र में यह देश की सबसे बड़ी स्टील उत्पादन करने वाली कंपनी है। लेकिन क्या आपको पता है कि टाटा स्टील के सहयोग से युद्ध के लिए बख्तरबंद कार का भी निर्माण हो चुका है। यदि आपको नहीं पता तो आइए जानते हैं इसके पीछे का इतिहास।
दूसरे विश्वयुद्ध में हुआ था इसका इस्तेमाल
टाटानगर बख्तरबंद कार देश की पहली और एकमात्र स्वदेशी बख्तरबंद वाहन है। जिसका उपयोग दूसरे विश्व युद्ध के समय अफ्रीका की लड़ाई में हुआ था। आपको बता दें कि वर्ष 1942 में टाटा स्टील प्रबंधन ने ब्रिटिश सरकार की मदद के लिए युद्ध में सहयोग के लिए रक्षा वाहनों के लिए बख्तरबंद कार का निर्माण करने के लिए एक मिल की स्थापना की थी। इसके लिए टाटा स्टील प्रबंधन ने स्पेशल क्वालिटी स्टील, सिलिकान व बुलेट प्रूफ कवच प्लेटों से विशेष गुणवत्ता वाली स्टील की चादर तैयार की। जिसकी मोटाई 4 मिलीमीटर से 14 मिलीमीटर तक होती थी।
काफी सुरक्षित है टाटानगर बख्तरबंद कार
युद्ध के दौरान एक गर्नर आफिसर ने टाटानगर बख्तरबंद कार के बारे में कहा था कि बमबारी के दौरान ये बख्तरबंद कार दूसरे कार की तुलना में काफी सुरक्षित है। इस बख्तरबंद कार के ऊपर तोप का गोला गिरने या सीधे हिट होने की स्थिति में ही यह क्षतिग्रस्त हो सकती थी। ऐसे में यह युद्ध क्षेत्र में सैनिकों के लि काफी सुरक्षित था।
टाटा स्टील व टाटा मोटर्स में रखे गए हैं माडल
टाटा स्टील सहित टाटा मोटर्स के जमशेदुपर वर्क्स में आज भी इस आर्म्ड या कहें तो बख्तरबंद कार का एक-एक माडल प्रदर्शनी के तौर पर रखे गए हैं। पिछले दिनों टाटा स्टील की ओर से विंटेज कार-बाइक रैली का आयोजन हुआ था। इसमें बख्तरबंद कार भी प्रदर्शनी के लिए रखी गई थी।