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Jharkhand News: फसल राहत योजना पर आया बड़ा अपडेट! 18432 किसानों के आवेदन रद्द, ये वजह आई सामने

झारखंड सरकार ने किसानों के हित के लिए फसल राहत योजना शुरू की है। इसके तहत आर्थिक रूप से नुकसान झेल रहे किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। अब ऐसे में इस योजना में किसानों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक था। इस दौरान करीब एक लाख किसानों ने आवेदन किए हैं।

By Kaushal Kumar SinghEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 16 Dec 2023 04:05 PM (IST)
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Jharkhand News: फसल राहत योजना पर बड़ा अपडेट! 18432 किसानों के आवेदन रद्द, ये वजह आई सामने

संवाद सहयोगी, जामताड़ा। जरूरत से कम बारिश होने के कारण जिले में मात्र 25 फीसदी भू-भाग पर ही धनरोपनी हो सकी है। वह भी मानसून का समय गुजर जाने के बाद। धान की रोपनी कार्य बाधित होने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

आर्थिक नुकसान के कारण रबी फसल का अच्छादन बाधित हो रहा था। किसानों को हुए इस आर्थिक नुकसान की भरपाई को लेकर शुरू हुए झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत किसानों ने निर्धारित अंतिम तिथि 30 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन किया। जिले में 93611 किसानों ने इस योजना से लाभ प्राप्त के लिए विभागीय पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रज्ञा केंद्रों से किया है।

प्राप्त आवेदन में 18432 आवेदन रिजेक्ट

विभागीय सूत्रों के अनुसार, पोर्टल पर प्राप्त आवेदन में से 18432 आवेदन विभिन्न कारणों से रिजेक्ट कर दिए गए हैं, जबकि 39015 आवेदन हलका कर्मचारी के पास लंबित हैं। शेष आवेदन विभिन्न स्तर पर ऑनलाइन वेरिफिकेशन किए जा चुके हैं।

इस योजना के तहत निबंधन कराने वाले किसानों को फसल का नुकसान होने पर मुआवजे का प्रावधान किया गया है, वह भी निशुल्क। सिर्फ नए किसानों को निबंधन कराने पर 40 रुपये और पहले से निबंधित किसानों को नवीकरण के एवज में 10 रुपये का शुल्क देना पड़ा है। किसान अपना निबंधन ऑनलाइन नजदीकी प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से कराया है।

जिला सहकारिता पदाधिकारी ने क्या कुछ कहा 

जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलको ने बताया कि 30 नवंबर तक जिले के सभी छह प्रखंड के 93 हजार 611 किसानों ने निबंधन करा लिए हैं।

नियमानुसार अगर किसी किसान की फसल 50 प्रतिशत या इससे अधिक मारी जाती है तो उसे प्रति एकड़ चार हजार रुपये, जबकि 50 प्रतिशत से कम नुकसान पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। किसान की न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम पांच एकड़ जमीन पर ही मुआवजे का प्रावधान किया गया है।

जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि विभागीय पोर्टल पर किसानों के वन लाइन प्राप्त आवेदन पर हलका कर्मचारी व अंचल निरीक्षक अंचलाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी कर्मचारियों के लोगों पर आनलाइन सत्यापन कार्य चल रहा है।

क्या कहते हैं किसान

बारिश के अभाव में खरीद धान फसल का उत्पादन पूर्ण रूप से बाधित हुआ किसान आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं। आर्थिक क्षति होने के कारण रबी की फसल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। सरकार को सभी प्रकार की विभागीय प्रक्रिया पूर्ण कर फसल राहत योजना से किस को तुरंत लाभांवित करना चाहिए।- मकरुद्दीन अंसारी, किसान

किसान एकमात्र धान की फसल उत्पादन पर आश्रित है। इस साल बारिश के अभाव में मात्र 25 फीसदी धन-रोपनी हुई है। ऐसे में किस आर्थिक रूप काफी नुकसान उठाना पड़ा है। फसल राहत योजना की सभी प्रक्रिया पूर्ण कर किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाना चाहिए।- देवनारायण राय, किसान

किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए झारखंड राहत फसल योजना शुरू की गई है। लेकिन योजना शुरू हुए तीन महीने गुजर जाने के बाद भी किसानों को आर्थिक लाभ नहीं मिल पाया है। विभाग को इस समस्या का जल्द से निष्पादन कर किसानों को लाभान्वित करना चाहिए।- रफीक अंसारी, किसान

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