लोहरदगा: नक्सली क्षेत्र में पुस्तकालय लिख रहे शिक्षा-स्वावलंबन की पटकथा, नीट-जेईई की कराई जा रही मुफ्त तैयारी
तीन दशक से खौफ में रहे झारखंड के हिंसा प्रभावित लोहरदगा जिले में सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। प्रशासन की पहल से यहां पुस्तकालय खुल रहे हैं। इनमें पढ़कर युवा ज्ञान संग प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल हो रहे हैं। दो अधिकारियों के नवाचार से पुस्तकों की व्यवस्था के साथ शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई है। नीट और जेईई की भी मुफ्त तैयारी कराई जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sun, 25 Jun 2023 06:13 PM (IST)
विक्रम चौहान, लोहरदगा। झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले लोहरदगा में बंदूकों पर पुस्तकें भारी पड़ रही हैं। यहां के पेशरार समेत अन्य क्षेत्रों में कभी नक्सलियों का खौफ था।
वे किशोर-किशोरियों को जबरन घरों से उठा ले जाते और नक्सली बना देते थे। इन क्षेत्रों में अब जिला प्रशासन की ओर से खोले जा रहे पुस्तकालय सुखद परिवर्तन के सूत्रधार बने हैं।अब यहां के युवक-युवती इन पुस्तकालयों में पढ़कर केवल ज्ञानार्जन ही नहीं कर रहे बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर स्वावलंबन को भी सशक्त आधार प्रदान कर रहे हैं।
शिक्षकों की भी नियुक्ति
जब सरकारी अधिकारी अपने दायित्वों से आगे बढ़कर सामाजिक कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हैं तो ऐसी ही सफल कहानी लिखी जाती है।नक्सल प्रभावित जिले में नई पीढ़ी को सकारात्मकता देने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल लोहरदगा जिला प्रशासन के दो अधिकारियों ने की है।
उपायुक्त डा. वाघमारे प्रसाद कृष्ण और अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल के प्रयास से पेशरार प्रखंड से जिला मुख्यालय तक छह पुस्तकालय खोले जा चुके हैं।
जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट यानी डीएफएमटी कोष से संचालित किए जा रहे इन पुस्तकालयों में बच्चों, किशोरों व युवाओं के लिए विविध विषयों की पर्याप्त पुस्तकों की व्यवस्था करने के साथ ही उनके मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।प्रतियोगी परीक्षाओं में मिल रही सफलता
पुस्तकालयों में युवाओं को पढ़ाई की जगह और माहौल के साथ मार्गदर्शन मिलने का परिणाम भी दिख रहा है। यहां पढ़ाई करने वाले नक्सल क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक छात्र हाल ही में अग्निवीर, रेलवे ग्रुप डी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हुए हैं। जिला विज्ञान केंद्र में स्थित पुस्तकालय में नीट और जेईई की भी निश्शुल्क तैयारी कराई जा रही है। यहां पढ़ रहे पांच युवाओं ने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा भी दी है।ऐसे आया विचार
ग्रामीणों पर नक्सलियों के प्रभाव और खौफ को कम करने के लिए जिला प्रशासन ने युवाओं को शिक्षा व रोजगार से जोड़कर भविष्य संवारने का विचार बनाया।इसी क्रम में सबसे पहले लोहरदगा जिला पुस्तकालय को पुनर्जीवित किया गया। इसके बाद जिला विज्ञान केंद्र को पुनर्स्थापित करते हुए इसे अध्यापन केंद्र और पुस्तकालय बनाया गया। फिर अन्य क्षेत्रों में पुस्तकालय खुले और युवा इनमें अध्ययन के लिए आने लगे। कुडू, किस्को, पेशरार और सेन्हा प्रखंड में पुस्तकालय की स्थापना की गई।धीरे-धीरे इन पुस्ताकलयों में युवा आने लगे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे। आज परिणाम सकारात्मक रूप से सामने आ रहा है।मिली सफलता
रेलवे ग्रुप डी में चयनित लोहरदगा निवासी अभिषेक कुमार वर्मा का कहना है कि उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी विज्ञान भवन पुस्तकालय से की। पढ़ने का बेहतर माहौल और शिक्षकों का मार्गदर्शन मिला। अभिषेक कहते हैं कि कई ऐसे उनके साथी हैं, जो पुस्तकालय नहीं होने से अच्छी तैयारी नहीं कर पाते।इन स्थानों पर खोले गए पुस्तकालय
लोहरदगा जिले में पेशरार, किस्को, कुडू, सेन्हा प्रखंडों के अलावा लोहरदगा जिला पुस्तकालय तथा जिला विज्ञान केंद्र में ये पुस्तकालय संचालित किए जा रहे हैं।इसके अलावा भंडरा प्रखंड में इस माह के के अंत तक और कैरो प्रखंड में अगले माह में पुस्तकालय शुरू करने की योजना है। वर्तमान समय में सभी पुस्तकालयों में 35-35 युवा जेईई और नीट की तैयारी कर रहे हैं। वहीं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी काफी संख्या में विद्यार्थी कर रहे हैं।युवाओं के जीवन को सही दिशा देने के लिए पुस्तकों का होना बेहद जरूरी है। पुस्तकालयों में युवाओं की जरूरत के मुताबिक और भी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। -डा. वाघमारे प्रसाद कृष्ण, उपायुक्त, लोहरदगा
पुस्तकालय संचालित करने का उद्देश्य युवाओं की अध्ययन के प्रति रुचि जगाना है। हमने संसाधन उपलब्ध कराए और युवाओं ने इसका सदुपयोग किया। -अरविंद कुमार लाल, अनुमंडल पदाधिकारी, लोहरदगा