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Hemant Soren: '1.36 लाख करोड़ खाते में भेज दें', PM मोदी को लेटर लिखकर हेमंत सोरेन ने क्यों मांगे इतने रुपये?

Jharkhand CM Hemant Soren झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कोयला रॉयल्टी के बकाया रुपयों की मांग की है। सीएम सोरेन ने एक पोस्ट के माध्यम से इस बारे में बताया है। साथ ही कहा है कि वह झारखंड के लिए विशेष राज्य का दर्जा नहीं मांग रहे हैं। वह केवल प्रदेश का अधिकार मांग रहे हैं।

By Pradeep singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 25 Sep 2024 09:10 PM (IST)
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हेमंत सोरेन का PM मोदी को लेटर, कोयला रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र से मांगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। कोयला रॉयल्टी मद में झारखंड के बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये के भुगतान के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्र से झारखंड के खाते में सीधे 1.36 लाख करोड़ रुपये डालने की मांग की है।

इस संबंध में मुख्यमंत्री ने डीवीसी का हवाला दिया है। उल्लेख किया है कि राज्य के खाते से सीधे डीवीसी द्वारा बकाया राशि काट ली गई थी। कोल कंपनियों पर झारखंड के कोयला रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है।

इसे भी रिजर्व बैंक या कोयला कंपनियों के बैंक खाते से काटकर सीधे झारखंड के खाते में डाला जाए। जबतक इसका भुगतान नहीं हो जाता, तब तक कोयला कंपनियां ब्याज राशि का भुगतान करें।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी किया जिक्र

उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खनन रॉयल्टी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लेख किया है। हेमंत ने इस पत्र को अपने एक्स हैंडल पर भी साझा किया है। लिखा है- हम भाजपा के सहयोगी राज्यों की तरह विशेष राज्य का दर्जा नहीं मांग रहे हैं। हमें कुछ राज्यों की तरह बजट का बड़ा हिस्सा भी नहीं चाहिए। झारखंड को सिर्फ उसका हक दे दीजिए।

हेमंत सोरेन ने लिखा है कि हमारी मांग सिर्फ न्याय की है, विशेषाधिकार की नहीं। झारखंड ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है। अब हम चाहते हैं कि अपने संसाधनों एवं अधिकारों का उचित उपयोग हो। बकाया मिलने पर झारखंड को विकास के नए पथ पर ले जाएंगे।

झारखंड के विकास में सहयोगी बनें : हेमंत

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करेंगे ताकि हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके। हम अपनी भाषा और संस्कृति को और बेहतर संरक्षण करेंगे ताकि हमारी पहचान बनी रहे‌। केंद्र सरकार जल्द फैसला ले।

झारखंड के विकास में बाधा नहीं, सहयोगी बनें। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे,‌ चाहे इसके लिए कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े। हम एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे।

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