झारखंड में नई स्टार्टअप पॉलिसी लागू, अब SC-ST को भी मिलेगा स्पेशल इंसेंटिव; वन टाइम ग्रांट की होगी सुविधा
हेमंत सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पुरानी स्टार्टअप पॉलिसी को रद्द कर नई पॉलिसी लेकर आई है। इसके तहत अब एस-एसटी के युवाओं को भी स्पेशल इंसेंटिव देने का फैसला लिया है। इस योजना के लिए पहली बार इन श्रेणी के युवाओं को अतिरिक्त पांच प्रतिशत इंसेंटिव मिल पाएगा। अगले पांच साल में एक हजार स्टार्टअप शुरू करने का लक्ष्य है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अब अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के युवाओं को भी स्पेशल इंसेंटिव देने का फैसला लिया गया है। पहली बार इस श्रेणी के युवाओं को अतिरिक्त पांच प्रतिशत इंसेंटिव मिल सकेगा। पहले सिर्फ महिलाओं और दिव्यांगों को ही यह अतिरिक्त लाभ मिलता था।
राज्य सरकार ने नई स्टार्टअप पालिसी-2023 लागू की है, जिसमें यह प्रावधान है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद सूचना तकनीक एवं ई-गवर्नेंस विभाग ने इसे अधिसूचित कर दिया है। इसी के साथ 2016 में लागू नीति रद्द कर दी गई है।
नई स्टार्टअप पालिसी पांच साल के लिए लागू की गई है। इस दौरान (साल 2028 तक) राज्य में कम से कम एक हजार स्टार्टअप को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवधि तक राज्य में अनुकूल इकोसिस्टम तैयार कर अग्रणी 10 राज्यों में झारखंड को सम्मिलित करने का लक्ष्य रखा गया है।
नई पालिसी में स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में स्टार्टअप का माहौल तैयार करने को लेकर भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत इन शैक्षणिक संस्थानों में ई सेल (आंत्रप्रेन्यार सेल) गठित करने तथा फैकल्टी डवलप प्रोग्राम संचालित करने की बात कही गई है। निजी शिक्षण संस्थानों में इंक्यूबेटरों की भी स्थापना की जाएगी।
आइटी विभाग तैयार करेगा एसओपी
युवाओं को स्टार्टअप में किसी प्रकार और कितना वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाएगा, इसे लेकर सूचना तकनीक एवं ई गवर्नेंस विभाग एसओपी तैयार करेगा। नई पालिसी में स्टार्टअप के लिए जीएसटी, पेटेंट आवेदन, निबंधन, स्टांप ड्यूटी, इलेक्ट्रिसिटी, इंटरनेट आदि में छूट देने की बात कही गई है। इसके लिए राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
मिलेगा वन टाइम ग्रांट
स्टार्टअप को उत्पाद, समाधान प्रोटोटाइप, आरंभिक सेटअप के विकास आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। स्टार्टअप के विकास के लिए वन टाइम ग्रांट दिया जाएगा।