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Cough vs TB Signs: आम खांसी और टीबी में होने वाली खांसी को कैसे पहचानें?

Cough vs TB Signs अगर आपको काफी समय से खांसी है और दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रही है तो क्या करना चाहिए? कैसे जानें कि आपकी खांसी आम है या टीबी इसके पीछे की वजह है। तो आइए जानें इनके लक्षणों में क्या फर्क होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Tue, 21 Feb 2023 08:14 AM (IST)
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Cough vs TB Signs: टीबी में होने वाली खांसी और आम खांसी में क्या फर्क है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cough vs TB Signs: लगातार खांसी होने और टीबी की वजह से खांसी होने में फर्क को समझने के लिए खांसी की शुरुआत के बारे में जानना जरूरी है। क्रॉनिक खांसी के पीछे माइकोबैक्टीरियम टीबी इन्फेक्शन होता है, वहीं आम खांसी वायरल ऊपरी श्वसन तंत्र इन्फेक्शन के कारण होती है। हालांकि, अगर आपकी आम खांसी लगातार चली जा रही है, और ठीक होने का नाम नहीं ले रही है, तो इसमें और टीबी में अंतर को कैसे जना सकते हैं?

खांसी और टीबी में फर्क को कैसे जानें?

खांसी की वजह को समझने के लिए जरूरी है कि हम खांसी के प्रकार और अवधी पर भी ध्यान दें। यह हम सभी जानते हैं कि फेफड़ों के टीबी और दूसरे एक्यूट या क्रॉनिक श्वसन बीमारियों में खांसी होती ही है, लेकिन साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण क्या हैं, जो आम खांसी से मेल खाते हैं। खांसी जो दो हफ्तों से ज़्यादा तक चलती है, वह टीबी का लक्षण भी हो सकती है। लागातर दो हफ्तों तक चलने वाली खांसी के साथ अगर सांस लेने में दिक्कत या फिर रात में पसीना आना जैसे लक्षण भी दिखते हैं, तो यह टीबी हो सकता है। ऐसा होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

खांसी और टीबी के लक्षण

आम खांसी और टीबी के ऐसे आम लक्षण जिनसे आप इनमें फर्क को समझ सकते हैं:

  • दो हफ्तों तक बुरी खांसी होना।
  • टीबी के मरीजों की खांसी में खून आता है।
  • टीबी के मरीजों को अक्सर किसी दूसरे टीबी के मरीज से ही इन्फेक्शन होता है।
  • कमजोरी
  • भूख न लगना
  • वज़न का कम हो जाना
  • शरीर में कंपकंपी महसूस होना
  • बुखार
  • रात में पसीना आना

टीबी के कारण?

  • कमजोर इम्यूनिटी
  • टीबी के मरीज से पास का संपर्क
  • सही डाइट न लेना
  • स्मोकिंग काफी करना
  • पहले से क्रॉनिक किडनी रोग या इम्यूनिटी से जुड़ी बीमारी होना

टीबी का इलाज क्या है?

पहली बार टीबी होने पर: 6 महीने तक दवाइयों का कोर्स चलता है। साथ ही नियमित फॉलो-अप ताकि शरीर से ज़्यादा से ज़्यादा बैक्टीरिया को ख़त्म किया जा सके और साथ ही मरीज़ को दोबारा टीबी न हो।

दूसरी बार टीबी होने पर: दवाइयों का कोर्स 8 से 9 महीनों तक चलता है, जिसका फोकस शरीर में मौजूद बचे-कुचे टीबी के वायरस को ख़त्म करना होता है।

अगर एक व्यक्ति को पहली और दूसरी बार टीबी के बाद फिर इनफेक्शन हो जाता है, तो इसका मतलब उसे MDR TB है। जिसका मतलब है मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी होना।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik