Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

कौन है किसके साथ? राकांपा में आज होगा साफ, अजित और पवार गुटों की मुंबई में होंगी बैठकें

अजित पवार ने रविवार को ही उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। उनके साथ राकांपा के आठ मंत्री भी बन गए। वह दावा कर रहे हैं कि पार्टी के बहुसंख्य विधायक उनके साथ हैं लेकिन इन विधायकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। विधानसभाध्यक्ष राहुल नर्वेकर को भी अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अजित पवार के साथ कितने विधायक सत्तापक्ष में शामिल हुए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 05 Jul 2023 06:03 AM (IST)
Hero Image
राकांपा में आज होगी दोनों गुटों की बैठक

राज्य ब्यूरो, मुंबई। राकांपा में फूट के बाद शरद पवार एवं अजित पवार, दोनों गुटों ने अपने-अपने खेमे की बैठकें पांच जुलाई को बुलाई हैं। इन बैठकों में नेताओं और विधायकों की उपस्थिति देखकर ही कहा जा सकेगा कि किस गुट के साथ कितने विधायक हैं। इसके बाद ही महाराष्ट्र विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष का फैसला भी हो सकेगा।

बैठक के लिए शरद पवार गुट की ओर से मुख्य सचेतक जितेंद्र अह्वाड ने सभी विधायकों को एक लाइन का व्हिप जारी किया है और उनसे बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा है।

वहीं, अजित गुट ने भी सभी वर्तमान व पूर्व विधायकों, सांसदों, पदाधिकारियों, कार्यसमिति सदस्यों और अन्य को बैठक में उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया है।

अजित के पास कितने विधायकों का समर्थन?

अजित पवार ने रविवार को ही उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। उनके साथ राकांपा के आठ मंत्री भी बन गए। वह दावा कर रहे हैं कि पार्टी के बहुसंख्य विधायक उनके साथ हैं, लेकिन इन विधायकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है।

विधानसभाध्यक्ष राहुल नर्वेकर को भी अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अजित पवार के साथ कितने विधायक सत्तापक्ष में शामिल हुए हैं। इसका फैसला बुधवार को होने की संभावना है।

राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने पांच जुलाई को दिन में एक बजे अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक नरीमन प्वाइंट स्थित यशवंतराव चह्वाण प्रतिष्ठान में बुलाई है, जबकि अजित पवार ने 11 बजे बांद्रा के भुजबल नालेज सिटी में अपने विधायकों एवं संगठन के अन्य नेताओं की बैठक बुलाई है।

क्या छिन जाएगी सदस्यता?

यानी पवार गुट की बैठक शुरू होने से पहले ही विधानसभा में अजित पवार की स्थिति स्पष्ट हो चुकी होगी। यदि अजित पवार पार्टी के दो तिहाई विधायकों (यानी कम से कम 36) की संख्या नहीं जुटा सके, तो उनके सहित उनके समर्थक विधायकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और उनकी सदस्यता भी जा सकती है।

यदि अजित पवार इतने विधायकों का समर्थन जुटाने में सफल रहे तो पवार गुट के हाथ से राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी जा सकता है, क्योंकि 45 सदस्यों वाली कांग्रेस ने मंगलवार को अपने विधायक दल की बैठक कर इस पद पर दावा ठोंकने का मन बना लिया है।

क्या कुछ बोले प्रफुल्ल पटेल?

बता दें कि अजित पवार के साथ गए राकांपा के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने एक चैनल से बातचीत में दावा किया है कि पिछले वर्ष महाविकास आघाड़ी सरकार गिरने के बाद ही पार्टी के 53 में से 51 विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार पर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात करने का दबाव बनाया था।

उन्होंने कहा कि उस समय इस उद्देश्य से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया था, जिस पर अनिल देशमुख और नवाब मलिक को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी विधायकों के हस्ताक्षर थे, लेकिन तब शरद पवार ने यह बात नहीं मानी थी।