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'मुंबई में घट रही है मराठी भाषियों की आबादी, नए प्रोजेक्ट्स में आरक्षित हों 50 फीसदी घर,' शिवसेना यूबीटी नेता ने की मांग

Maharashtra News शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने मांग की है कि मुंबई के नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में 50 प्रतिशत घर मराठी भाषी लोगों के लिए आरक्षित किए जाएं। उनका कहना है कि मराठी भाषी लोगों को मुंबई में घर देने से इन्कार किया जा रहा है जिसके चलते उन्हें बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 24 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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अनिल परब ने कहा कि मराठी भाषी लोगों को मुंबई में घर नहीं दिया जा रहा। (Photo - Internet Media)

पीटीआई, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने सोमवार को कहा कि मुंबई की नई आवासीय परियोजनाओं में 50 प्रतिशत घर मराठी भाषी लोगों के लिए आरक्षित किए जाएं। इनकी संख्या महानगर में घट रही है।

मीडिया से बातचीत में परब ने कहा कि मराठी भाषी लोगों को मुंबई में घर देने से इन्कार किया जा रहा है, जिससे उन्हें बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि मुंबई में मराठी भाषियों की आबादी घट रही है। उन्होंने इस संबंध में एक कानून बनाने पर जोर दिया।

विधान परिषद में रखी थी मांग

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि पिछले साल उन्होंने विपक्षी सदस्य के रूप में विधान परिषद में एक गैर आधिकारिक विधेयक प्रस्तुत किया था, जिसमें नई आवासीय परियोजनाओं में उनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई थी।

मानसून सत्र में आ सकता है विधेयक

विधेयक के 27 जून से शुरू होने वाले मानसून सत्र में चर्चा के लिए आने की संभावना है। परब ने कहा कि बड़े घरों के अलावा 500 वर्ग फीट तक के छोटे अपार्टमेंट का निर्माण भी किया जाना चाहिए, जिससे मराठी भाषी लोग उन्हें खरीद सकें।