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पुणे पोर्श केस में नया मोड़, आरोपी के दोस्तों के भी खून सैंपल बदले गए; वकील ने कोर्ट को दी जानकारी

जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए विशेष अभियोजक शिशिर हिरे ने कहा कि डॉ. हेल्नोर ने परिणामों को जानने तथा फोरेंसिक मेडिसिन और चिकित्सा-कानूनी पहलुओं का अच्छा ज्ञान होने के बावजूद दुर्घटना के कुछ घंटों बाद कार चला रहे नबालिग और उसके दो दोस्तों के सैंपल बदल दिए। दरअसल कोर्ट इस हाई प्रोफाइल केस में छह आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sat, 10 Aug 2024 08:57 AM (IST)
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खून के सैंपल पुणे के सरकारी ससून अस्पताल में बदले गए। (फाइल फोटो)

पीटीआई, पुणे। पुणे पोर्श दुर्घटना केस में शुक्रवार को नया खुलासा सामने आया है। पीड़ितों के वकील ने कोर्ट में कहा कि पोर्श दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय नाबालिग के ही नहीं, बल्कि उसके साथ आए दो दोस्तों के भी खून के सैंपल बदले गए थे। यह सैंपल शहर के सरकारी ससून अस्पताल में बदले गए।

कोर्ट इस हाई प्रोफाइल केस में छह आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इसमें नाबालिग के माता-पिता विशाल-शिवानी अग्रवाल, ससून अस्पताल के डॉक्टर अजय टावरे, डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर, अश्पक मकानदार और अमर गायकवाड़ शामिल हैं।

चिकित्सा-कानून का ज्ञान होने के बावजूद बदले सैंपल

जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए विशेष अभियोजक शिशिर हिरे ने कहा कि डॉ. हेल्नोर ने परिणामों को जानने तथा फोरेंसिक मेडिसिन और चिकित्सा-कानूनी पहलुओं का अच्छा ज्ञान होने के बावजूद, दुर्घटना के कुछ घंटों बाद कार चला रहे नाबालिग और उसके दो दोस्तों के सैंपल बदल दिए।

डॉ. हेल्नोर ने विशाल अग्रवाल और डॉक्टर अजय टावरे के निर्देश पर खून के सैंपल बदले और इसके लिए उन्हें 2.5 लाख रुपये मिले थे।

कार की टक्कर से गई थी दो आईटी पेशेवरों की जान

बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को व्यवसायी विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी पोर्श कार से एक बाइक सवार को टक्कर मार दी थी। इस घटना में बाइक सवार आईटी पेशेवर पुरुष और महिला की मौत हो गई थी।

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