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EVM Row: वोटिंग में इस्तेमाल EVM सही या नहीं... अब चुनाव बाद भी जांच कर सकेंगे प्रत्याशी, मगर ये शर्त भी माननी पड़ेगी

चुनाव बाद प्रत्याशी ईवीएम की जांच कर सकेंगे। मगर यह सुविधा सिर्फ दो और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवारों को मिलेगी। शर्त यह है कि प्रति ईवीएम 40 हजार रुपये का शुल्क भी चुकाना पड़ेगा। वहीं चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के भीतर प्रत्याशियों की अपनी आपत्ति दर्ज करानी होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग ने यह सुविधा प्रदान की है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 16 Jul 2024 09:56 PM (IST)
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चुनाव बाद प्रत्याशी कर सकेंगे ईवीएम की जांच। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी ईवीएम ( इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर उठते सवालों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रत्याशियों को अब चुनाव बाद भी उनके निर्वाचन क्षेत्र में इस्तेमाल में लाई गई ईवीएम को परखने की अनुमति दी है। प्रत्याशी यह परख सकेंगे कि जिस ईवीएम से उनकी सीट की वोटिंग हुई वह पूरी तरह सही है या नहीं। ऐसा तो नहीं कि वोट किसी को डाले जाएं और वह किसी और के खाते में जाती हो।

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दरअसल, इसी तरह के आरोप विपक्षी दलों की ओर से लगाए जाते रहे हैं। हालांकि ऐसी मांग सिर्फ चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी ही कर सकेंगे। वह भी उन्हें चुनाव के परिणाम घोषित होने के सप्ताह भर के अंदर करनी होगी। आयोग ने इसके लिए मंगलवार को नियम-कायदे जारी किए है।

आयोग को मिले ईवीएम को जांचने से जुड़े 11 आवेदन

आयोग के पास फिलहाल अब तक ईवीएम को फिर जांचने से जुड़े 11 आवेदन आ चुके है, इनमें आठ लोकसभा चुनाव और तीन आवेदन विधानसभा चुनाव से जुड़े है। आयोग के मुताबिक 19 अगस्त के बाद इससे जुड़ी प्रकिया शुरू होगी। जिन-जिन निर्वाचन क्षेत्रों से ईवीएम को परखने की मांग की गई है, वहां जिला निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में पूरी प्रक्रिया संचालित की जाएगी।

प्रति ईवीएम चुकाने होंगे 40 हजार रुपये

प्रत्याशियों को इसकी छूट रहेगी कि वह निर्वाचन क्षेत्रों में इस्तेमाल में लायी गई ईवीएम में से कोई भी पांच प्रतिशत ईवीएम की जांच कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें प्रति ईवीएम 40 हजार रुपये चुकाने होंगे। इसके तहत उन्हें मॉक पोल की इजाजत रहेगी। इसमें वह अधिकतम 1400 वोट डाल सकेंगे। बाद में इसकी गिनती उनके सामने की जाएगी।

प्रत्याशी खुद चुन सकेंगे ईवीएम

वीवीपैट पर्चियों से भी मतों का मिलान कराया जाएगा। इन दौरान वह निर्वाचन क्षेत्र में इस्तेमाल की गई किसी भी ईवीएम का चयन करने की पूरी छूट होगी। ईवीएम मशीनों के चयन खुद प्रत्याशी को ही करना होगा। वह किसी एक सेट की जगह अलग-अलग मशीनों से अलग-अलग बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश

आयोग के मुताबिक वैसे चुनाव में इस्तेमाल में ली जाने वाली इन सभी ईवीएम की मतदान से पहले भी प्रत्याशियों या फिर उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में परख की जाती है। जिसमें मॉक पोल कराए जाते है। चुनाव में ईवीएम के आवंटन के पहले भी इसे लेकर मॉक पोल आयोजित होता है, लेकिन चुनाव के बाद भी प्रत्याशियों की ओर से हारने के बाद ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आए ऐसे सभी मामलों में आयोग से इन्हें फिर से ईवीएम की परख कराने का निर्देश दिया ताकि प्रत्याशियों में ईवीएम को लेकर किसी भी तरह शंकाएं न पैदा हो पाए।

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