चक्रवाती तूफान 'रेमल' का कहर जारी, मिजोरम में पत्थर की खदान ढहने से 17 की मौत, कई लापता
खतरनाक चक्रवात रेमल का कहर जारी है। तूफान के चलते भारी बारिश ने बंगाल के साथ-साथ पूर्वोत्तर के कई राज्यों में तबाही मचाई है। भारी बारिश के बीच मिजोरम के आइजल जिले में पत्थर की खदान ढह जाने से दो बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो गई। वहीं असम में अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए।
पीटीआई, आइजल। मिजोरम में चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण हो रही भारी बारिश के बीच आइजल जिले में मंगलवार सुबह पत्थर की खदान ढह जाने से दो बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो गई। छह-सात अन्य लापता हो गए। घटनास्थल से दो लोगों को बचाया गया है।
इस दुर्घटना शोक जताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स पर पोस्ट किया, 'शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।' मिजोरम के पुलिस महानिदेशक अनिल शुक्ला ने कहा, 'हमने 17 शव बरामद किए हैं। आशंका है कि छह- सात और लोग अभी भी मलबे में दबे हैं। भारी बारिश के कारण बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है।'
आईजल का संपर्क कटा
पुलिस ने बताया कि बारिश से राज्य में कई अन्य स्थानों पर भी भूस्खलन हुआ है। आइजल के सेलम वेंग में भूस्खलन से इमारत ढह गई। इस घटना में तीन लोग लापता हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग छह पर भूस्खलन से आइजल का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। आवश्यक सेवाओं से संबंधित कर्मचारियों को छोड़कर सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है। आइजल शहर में, कुछ कब्रिस्तान भी भूस्खलन से बह गए हैं। 150 से अधिक कब्रें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
मुख्यमंत्री ने की अनुग्रह राशि की घोषणा
राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए गृह मंत्री के. सपडांगा, मुख्य सचिव रेनू शर्मा के साथ आपात बैठक की। मुख्यमंत्री ने बारिश के कारण हुई आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। सरकार ने चक्रवात प्रभावित बारिश संबंधी आपदाओं से निपटने के लिए 15 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
असम में भारी बारिश से दो की मौत
असम में चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। मृतकों की पहचान पुतुल गोगोई और कौशिक बारदोलई के रूप में हुई है। लखीमपुर जिले में निर्माणाधीन एनएचपीसी की लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना में बारिश के कारण हुए भूस्खलन में पुतुल की मौत हुई।
वहीं मोरीगांव जिले में आटो-रिक्शा पर पेड़ गिरने से छात्र कौशिक बोरदोलोई की मौत हो गई। आटो-रिक्शा पर सवार चार अन्य लोग घायल हैं। सोनितपुर जिले में स्कूल बस पर पेड़ गिरने से 12 बच्चे घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया, 'बारिश के कारण कपिरचेर्रा (एनएच-27, हाफलोंग से सिलचर) और थेरेबसाती (उमरंगसो-देहांगी रोड) में भूस्खलन हुआ है।तूफान के कारण राज्य में कई जगहों पर पेड़ उखड़ गये। मोरीगांव, नागांव और दिमा हसाओ में शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। कई जिलों में नौका सेवाएं रोक दी गई हैं।'
मणिपुर में बारिश से कई इलाकों में बाढ़
मणिपुर में लगातार बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए। कई नदियां उफान पर हैं। एनएच 37 इंफाल-सिलचर राजमार्ग पर कांगपोकपी जिले के सिनम गांव के पास भूस्खलन हो गया।
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