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Haryana Election: विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग पकड़ रही जोर, चुनाव आयोग बोला अन्य दलों से लेंगे राय

हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख की मांग ने भले ही जोर पकड़ा है लेकिन निर्वाचन आयोग अंतिम फैसले से पहले राज्य के बाकी दलों से भी रायशुमारी की तैयारी में है। केंद्रीय चुनाव आयोग की मंगलवार को नई दिल्ली में बैठक हुई और भाजपा समेत कुछ राजनीतिक दलों के उस अनुरोध पर विचार किया गया। यदि सभी दलों ने इस पर सहमति जताई तो बदलाव किया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 11:00 PM (IST)
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विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग पकड़ रही जोर

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। छुट्टियों और त्योहारों के करीब पड़ रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव को बदलने की मांग ने भले ही जोर पकड़ा है लेकिन निर्वाचन आयोग इस पर किसी भी अंतिम फैसले से पहले राज्य के बाकी दलों से भी रायशुमारी की तैयारी में है। माना जा रहा है कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर बाकी राजनीतिक दलों से भी चर्चा कर सकता है।

मौजूदा चुनावी कार्यक्रम के तहत राज्य में एक अक्टूबर को मतदान और चार अक्टूबर को मतगणना होनी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव की यह मांग उस समय तेज हुई है, जब मतदान की तारीख के पहले और बाद में पड़ रही छुट्टियों का हवाला देते हुए भाजपा ने निर्वाचन आयोग के सामने बदलाव की यह मांग रखी।

मतदान प्रतिशत में कमी हो सकती है

भाजपा का कहना था कि लंबी छुट्टियों के चलते लोग घूमने के लिए जा सकते हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत में कमी हो सकती है। इसलिए मतदान की तारीख में बदलाव किया जाए। भाजपा की इस मांग का राज्य के प्रमुख दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने भी समर्थन किया।

साथ ही अखिल भारतीय विश्नोई समाज ने भी आयोग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख बदलने की मांग की है। हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने घोषित तारीख पर ही चुनाव कराए जाने की राय जाहिर करते हुए मतदान की तिथि बदले जाने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध किया है।

सभी दलों ने सहमति जताई

सूत्रों की मानें तो आयोग भी इन दलों के तर्कों से सहमत है लेकिन वह इस मुद्दे पर राज्य के बाकी दलों की भी राय जानना चाहता है। यदि सभी दलों ने इस पर सहमति जताई तो बदलाव किया जा सकता है। रही बात मतदान कम होने की, तो उसका असर सभी दलों पर देखने को मिलेगा।

फिलहाल निर्वाचन आयोग के जो पिछले अनुभव रहे हैं, उनमें छुट्टियों में या सप्ताह के अंत में चुनाव कराने से मतदान प्रतिशत में गिरावट ही देखने को मिला है। राज्य में फिलहाल भाजपा और इनेलो के अतिरिक्त और भी जो प्रमुख दल चुनाव मैदान में हैं, उनमें कांग्रेस, आप, बसपा, जजपा शामिल हैं।