चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए परामर्श प्रणाली के पक्ष में पूर्व CEC, सांसद मनोज झा ने भी किया समर्थन
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए परामर्श प्रणाली बनाने का समर्थन किया है। मनोज झा ने कहा कि चुनाव आयोग भारत में संसदीय लोकतंत्र की धुरी है। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 23 Feb 2023 11:30 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए परामर्श प्रणाली बनाने का समर्थन किया है। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा कि नियुक्ति की कलेजियम प्रणाली से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
लंबा कार्यकाल होगा मददगार
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए पूर्व नौकरशाहों से इतर जाया जा सकता है। सीईसी और ईसी के लिए कम से कम छह साल के कार्यकाल के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि लंबा कार्यकाल मददगार है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि छोटे कार्यकाल से आयोग की विश्वसनीयता घटेगी। फरवरी 2004 से मई 2005 तक चुनाव आयोग की कमान संभाल चुके कृष्णमूर्ति ने मुख्य चुनाव आयुक्त और सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की तर्ज पर चुनाव आयुक्तों को भी संवैधानिक सुरक्षा प्रदान किये जाने की पैरवी की।