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Election In India: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने ठंड के महीनों में बताई लोकसभा चुनाव कराने की जरूरत, गिनाए कई कारण

चिलचिलाती गर्मी के बीच हो रहे लोकसभा चुनाव पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि आम चुनाव ठंड के महीनों में आयोजित कराना चाहिए। इसके लिए राज्य चुनाव के समय को समायोजित किया जा सकता है। कहा संसदीय चुनाव कराने के लिए छह महीने का समय होता है और आम तौर पर राज्य और आम चुनावों के बीच दो से तीन महीने का अंतर देखा जाता है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Tue, 07 May 2024 06:00 AM (IST)
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ठंड के महीनों में होना चाहिए लोकसभा चुनाव- पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। चिलचिलाती गर्मी के बीच हो रहे लोकसभा चुनाव पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि आम चुनाव ठंड के महीनों में आयोजित कराना चाहिए। इसके लिए राज्य चुनाव के समय को समायोजित किया जा सकता है।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के अनुसार, संसदीय चुनाव कराने के लिए छह महीने का समय होता है और आम तौर पर राज्य और आम चुनावों के बीच दो से तीन महीने का अंतर देखा जाता है।

रावत ने आयोग को कानून में संशोधन करने का सुझाव दिया

उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव नवंबर और दिसंबर में निर्धारित थे, इसलिए मार्च में संसदीय चुनावों की घोषणा की गई। रावत ने लोकसभा चुनाव के बाद राज्य चुनाव कराने पर सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने या चुनाव आयोग को राज्य चुनाव थोड़ा पहले कराने का अधिकार देने के लिए कानून में संशोधन करने का सुझाव दिया।

लोगों को चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ा- रावत

उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जब सैकड़ों हजारों मतदाता बाहर निकले तो उन्हें चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ा।

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