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राज्यपाल ने साइनबोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ का लौटाया अध्यादेश, शिवकुमार बोले-कर्नाटक सरकार भाषा को सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध

Karnataka government कांग्रेस सरकार ने कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल प्रोत्साहित करने की नीति के तहत साइनबोर्ड से जुड़ा अध्यादेश जारी किया था। राज्यपाल ने सरकार के अध्यादेश को वापस करते हुए कहा कि इसे विधानसभा से पारित कराया जाए। सरकार कन्नड़ को सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्यपाल अध्यादेश पर सहमति दे सकते थे। कर्नाटक विधानमंडल का बजट सत्र 12 से 23 फरवरी तक है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 31 Jan 2024 06:21 PM (IST)
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कर्नाटक सरकार में उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (फाइल फोटो)
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार में उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया कि राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने साइनबोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा वाला अध्यादेश लौटा दिया है। राज्य सरकार ने कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने की नीति के तहत अध्यादेश जारी किया जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा गया था।मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की सरकार ने यह अध्यादेश इसी साल पांच जनवरी को जारी किया था।

कांग्रेस सरकार ने कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल प्रोत्साहित करने की नीति के तहत साइनबोर्ड से जुड़ा अध्यादेश जारी किया था। राज्यपाल ने सरकार के अध्यादेश को वापस करते हुए कहा कि इसे विधानसभा से पारित कराया जाए। सरकार कन्नड़ को सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्यपाल अध्यादेश पर सहमति दे सकते थे। कर्नाटक विधानमंडल का बजट सत्र 12 से 23 फरवरी तक है। ऐसा कहा जा रहा है कि सत्र करीब होने के चलते राज्यपाल ने अध्यादेश सरकार को वापस भेजा होगा।

कैबिनेट बैठक के बाद संशोधन का लिया फैसला 

कैबिनेट बैठक के बाद 'कन्नड़ भाषा व्यापक विकास कानून' में संशोधन का फैसला लिया था। कैबिनेट ने पांच जनवरी को अध्यादेश को मंजूरी दी, जिसमें साइनबोर्ड पर लिखी भाषा में 60 प्रतिशत कन्नड़ का अनिवार्य इस्तेमाल करने का फैसला लिया। मौजूदा कानून के अनुसार व्यवसायिक केंद्रों पर लगे बोर्ड के ऊपरी आधे हिस्से में कन्नड़ का इस्तेमाल करना है। सरकार ने कन्नड़ को प्रमुखता नहीं देने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हुई हिंसा के बाद अध्यादेश का रास्ता अख्तियार किया।

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