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India-UK: अब माल्या-मोदी और संजय भंडारी की खैर नहीं, भगोड़ों के प्रत्यर्पण को लेकर भारत और ब्रिटेन ने की चर्चा

भारत और ब्रिटेन ने सोमवार को आपसी कानूनी सहायता संधि के तहत कार्रवाई में तेजी लाने पर चर्चा की। भगोड़ों से संबंधित प्रत्यर्पण अनुरोधों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी दोनों देशों में बातचीत हुई। सोमवार को ब्रिटेन के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की सीबीआई मुख्यालय की यात्रा के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा हुई। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल में इंटरपोल महासचिव पद के लिए उसके उम्मीदवार स्टीफन कवानाघ भी शामिल थे।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 16 Apr 2024 06:00 AM (IST)
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भारत और ब्रिटेन ने सोमवार को आपसी कानूनी सहायता संधि के तहत कार्रवाई में तेजी लाने पर चर्चा की।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन ने सोमवार को आपसी कानूनी सहायता संधि के तहत कार्रवाई में तेजी लाने पर चर्चा की। भगोड़ों से संबंधित प्रत्यर्पण अनुरोधों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी दोनों देशों में बातचीत हुई। सोमवार को ब्रिटेन के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की सीबीआई मुख्यालय की यात्रा के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा हुई। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल में इंटरपोल महासचिव पद के लिए उसके उम्मीदवार स्टीफन कवानाघ भी शामिल थे।

इस दौरान सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद और एजेंसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने ब्रिटेन के साथ सहयोग बढ़ाने के बारे में कवानाघ के साथ विस्तृत चर्चा की। बताते चलें, किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमोटर विजय माल्या, हीरा कारोबारी नीरव मोदी और हथियार डीलर संजय भंडारी के अलावा पंजाब के अलगाववादियों और आतंकवादी समर्थकों सहित भारत के कई भगोड़े ब्रिटेन में रह रहे हैं। भारत सरकार की एजेंसियों द्वारा उनके प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है।